Friday - 1 November 2024 - 6:29 AM

सड़क पर नमाज और ऊंट की क़ुरबानी पर लगा बैन

न्यूज डेस्क

नमाज पढ़ना और बकरीद के दिन बलि देना एक धार्मिक मामला है जिसकी छूट हमेशा रहती थी और रहनी भी चाहिए। पर किसी भी संप्रदाय के लोगों को अपनी धार्मिक आजादी को ऐसी रंगबाजी से अभिव्यक्त करने की छूट नहीं दी जा सकती है। जिससे ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो और दूसरे धर्म के लोगों को बिलावजह नाक भौं सिकोड़ने का मौका मिले। सड़कों पर नमाज पढना एक फैशन सा बन गया है जिस पर दूसरे समाज के लोगों को आपत्ति होती है।

बेहतर हो सभी जिलों का प्रशासन चाहे नमाज पढना हो या सड़क पर बैठ कर भजन करना हो सबपर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। मेरठ प्रशासन ने इस दिशा में कदम उठाकर सराहनीय कार्य किया है। जानवरों की सड़क पर बलि दिए जाने की कतई अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे वातावरण व माहौल भी प्रदूषित होने का खतरा बना रहता है।

प्रदेश के मेरठ जिले में प्रशासन ने कठोर कदम उठाया है यहाँ सड़कों पर अब नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। अभी तक हर शुक्रवार जुम्मे की नमाज सड़को पर पढ़ी जाती थी। इसकी वजह से सड़कों पर भीषण जाम लगता था जिससे राहगीरों को दिक्कत होती थी। इस बात की जानकारी खुद मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने दी है। उन्होंने आदेश जारी कर कहा है कि सड़को पर अब नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। साथ ही बकरीद के मौके पर ऊंट की कुर्बानी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

जानकारी के अनुसार, इस मामले को लेकर मेरठ शहर के तमाम मस्जिद और शहर के काजी के साथ एसएसपी ने बैठक की है। एसएसपी ने बताया की इस फैसले को लेकर सभी लोग सहमत हो गए है। अब इसको लेकर असमंजस्य नहीं है। हालांकि बकरीद के दिन सडकों पर नमाज पढ़ने पर छूट दे दी गई।

इसके अलावा एक और फैसला लिया गया है जिसमे बकरीद के मौके पर ऊंट की कुर्बानी देने पर भी प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। अभी तक बकरीद के मौके पर मेरठ में कुछ लोग ऊंट की कुर्बानी देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पायेगा। इसको लेकर मेरठ शहर के काजी ने भी प्रशासन के साथ सुर मिलाते हुए कहा कि हम शहर में कानून-व्यवस्था बनाये रखना चाहते हैं। लिहाजा हमें प्रशासन की बात मंजूर है। अब बकरीद पर ऊंट की बलि नहीं दी जाएगी।

बता दें कि इससे पहले अलीगढ़ में नमाज बनाम हनुमान चलीसा का विवाद सामने आया था। यहां हिन्दू महासभा ने चेतावनी दी थी कि अगर बकरीद पर सड़कों पर नमाज पढ़ी गई, तो हिन्दू संगठन के लोग भी सड़कों पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे। इसके बाद अलीगढ़ जिला प्रशासन ने सड़कों पर धार्मिक कार्यक्रमों पर बैन लगा दिया था। इस पर हिंदू जागरण मंच ने कहा था कि अगर आदेश लागू हुआ तो जिलाधिकारी से सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़वाया जाएगा।

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