न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में विकास की नदी बह रही है। पुलिस-प्रशासन हर वक्त चौकन्ना है। अपराध नियंत्रण में है। अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग रहे हैं। जब उत्तर प्रदेश में सब कुछ सही है तो फिर पत्रकारों को कमरे में बंद करने की क्या जरूरत थी। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसा क्या पूछते की वह जवाब नहीं दे पाते।

ऐसे अनेक सवाल योगी आदित्यनाथ के मुरादाबाद दौरे के बाद से उठ रहा है। दरअसल मुरादाबाद के स्थानीय पत्रकारों के एक समूह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने पर उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया, ताकि वे योगी से कठिन सवाल न पूछ सकें।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 29 जून को मुरादाबाद के दौरे पर थे। योगी मुरादाबाद के एक अस्पताल में गए थे। अस्पताल दौरे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि पत्रकारों के आरोप को जिलाधिकारी ने नकार दिया है।
विपक्ष ने साधा निशाना
पत्रकारों के आरोप के बाद योगी विपक्षी दल के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
पत्रकार बंधक बनाए जा रहे हैं, सवालों पर पर्दा डाला जा रहा है, समस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है। प्रचंड बहुमत पाने वाली उप्र भाजपा सरकार जनता के सवालों से ही मुँह बिचका रही है।
नेताजी ये पब्लिक है ये सब जानती है। सवाल पूछेगी भी और जवाब लेगी भी।https://t.co/cIUt3IQfon
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2019
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘पत्रकार बंधक बनाए जा रहे हैं, सवालों पर पर्दा डाला जा रहा है, समस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है। प्रचंड बहुमत पाने वाली उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार जनता के सवालों से ही मुंह बिचका रही है। नेताजी ये पब्लिक है ये सब जानती है। सवाल पूछेगी भी और जवाब लेगी भी।’
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath visited Moradabad district hospital for an inspection pic.twitter.com/6pHuUCTI9n
— ANI UP (@ANINewsUP) June 30, 2019
क्या है आरोप
पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले, उन्हें दो घंटे के लिए इमरजेंसी वॉर्ड में बंद कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए गेट के बाहर गार्ड तैनात किए ताकि पत्रकार शनिवार को मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान बाहर न आ सकें।
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मुख्यमंत्री के जाने के आधे घंटे बाद, सिंह कथित रूप से आए और गेट को खोल दिया। ऐसा करने के लिए उन्होंने पत्रकारों को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने मीडियाकर्मियों को जिला अस्पताल का दौरा नहीं करने के लिए भी कहा।
हालांकि जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। सिंह ने कहा, ‘यह सही नहीं है। निरीक्षण के दौरान, कई मीडियाकर्मी वार्ड के अंदर थे और हमने मीडियाकर्मियों से बस वार्ड के अंदर नहीं जाने का अनुरोध किया था।’
हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि पुलिस ने पत्रकारों को प्रवेश करने से रोका था, लेकिन केवल इसलिए क्योंकि इससे अस्पताल में पहले से ही भीड़भाड़ की स्थिति पैदा हो गई।
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