न्यूज़ डेस्क
श्रीलंका में बौद्ध भिक्षु और मुस्लिम मंत्रियों के विवाद बीच श्रीलंकाई सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। फेक न्यूज़ और हेट स्पीच (नफरत फ़ैलाने वाले भाषण) को लेकर श्रीलंकाई सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है।
इस कानून के तहत सोशल मीडिया पर गलत जानकारी और नफरत फ़ैलाने वाले लोगों को पांच साल जेल की सजा का प्रस्ताव लाया जायेगा साथ ही दोषियों पर दस लाख श्रीलंकाई रुपए का जुर्माना भी लगाया जायेगा।
बता दें कि 21 अप्रैल को ईस्टर डे पर हुए सीरियल धमाकों के बाद पूरे श्रीलंका में सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज और नफरत फ़ैलाने वाले बयान दिए गए। इसके चलते कई जगहों पर मुस्लिम समुदायों पर हमले हुए। सरकार ने इसके लिए फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप को जिम्मेदार ठहराया था इसके अलावा सोशल मीडिया पर नौ दिन का बैन भी लगा दिया था।
फर्जी खबरों को रोकने के लिए श्रीलंका सरकार ने बाद में सोशल मीडिया पर 9 दिन का बैन लगाया था। इस दौरान आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमलों की जिम्मेदारी ली थी और हमले के आरोपियों की फोटो और वीडियो जारी किए थे। वीडियो के अलग-अलग माध्यमों से लोगों तक पहुंचने के बाद देश में यूट्यूब पर भी अस्थाई रोक लगा दी गई थी।
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