स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। दोनों के बीच रार इतनी बढ़ चुकी है कि चाचा और भतीजे एक दूसरे का मुंह तक नहीं देखना चाहते थे। आलम तो यह है कि शिवपाल यादव ने कई मौकों पर अखिलेश के खिलाफ बोल चुके हैं जबकि अखिलेश यादव ने अपने चाचा को रडार पर लिया है। चाचा और भतीजे के रार का सबसे बड़ा कारण अंसारी बन्धु रहे हैं।

माना जाता है इन्ही के चलते दोनों के बीच अलगाव हुआ था। साल 2016 में सपा में घमासान देखने को मिला था। उस दौर में अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था और मुलायम को लेकर भी अखिलेश की जुब़ान तल्ख दिखी थी लेकिन थोड़ा गौर किया जाये तो शिवपाल यादव और अखिलेश के रिश्ते तब और खराब हो गए थे जब चाचा ने कौमी एकता दल का विलय करा दिया था।
इसके बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। माना जाता है यही से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि दोनों के बीच टकराव खुलेआम सामने आ चुका हैं।
अब जब अखिलेश यादव ने सोमवार को अखिलेश यादव ने गठबंधन के तहत बसपा के कोटे में गई सीट गाजीपुर से उम्मीदवार अफजाल अंसारी के पक्ष में वोट मांगा था। इसके बाद सपा में इसको लेकर तरह-तरह की बाते कही जा रही है। कुछ लोगों को कहना है जिस वजह से चाचा और भतीजे में रार हुई थी आज उसी के समर्थन में अखिलेश है। ऐसे में चाचा शिवपाल यादव से क्यों बैर रखा जा रहा है।
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