स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव की जंग अब बेहद रोचक दौर में पहुंच गई है। अंतिम दो चरणों के बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। जहां एक ओर मोदी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं तो पूरा विपक्ष उनको सत्ता से बेदखल करने की बात कह रहा है। आलम तो यह है कि मोदी हर रैली में कांग्रेस को घेर रहे हैं लेकिन वहीं उसके उलट कांग्रेस और अन्य दल बार-बार यही कह रहे हैं कि मोदी चुनाव हार रहे हैं। राहुल गांधी अब खबरिया चैनल पर खुलेआम कह रहे हैं कि मोदी चुनाव हार रहे हैं जबकि उनके पुराने दोस्त अखिलेश यादव भी उनके सुर में सुर मिला रहे हैं।

दूसरी ओर मोदी की सबसे बड़ी दुश्मन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार उनके खिलाफ जहर उगल रही है। माना तो यह भी जा रहा है कि शायद मोदी को इसी बातों में उलझाया जा रहा है ताकि वह अगले दो चरणों में कुछ न कर सके।
ममता ने यहां तक कह दिया था कि उनका मन करता है कि पीएम को तमाचा जड़े। इसके बाद बीजेपी ने उनपर पलटवार करते हुए कहा था कि वह अपनी हदों में रहे और पीएम के खिलाफ इस तरह का शब्द कैसे इस्तेमाल कर सकती है।

इससे पूर्व चौकीदार चोर है, को लेकर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में माफी तक मांगनी पड़ी थी। राहुल गांधी लगातार राफेल को लेकर मोदी को घेर रहे हैं और रैली के साथ-साथ मीडिया में भी कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार चुके हैं। ममता ने उन्हें पीएम मानने से भी मना कर दिया है। सवाल यह है कि मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष के पास कोई प्लान है या फिर मोदी दोबारा सत्ता पर काबिज होंगे?

मोदी को रोकने के लिए राहुल का प्लान
जिस तरह से क्रिकेट में मैच से पूर्व माइंडगेम खेला जाता है, ठीक वैसे ही राहुल गांधी सोचसमझकर मीडिया में अब बयान दे रहे हैं। चुनाव बाद जो परिणाम आये लेकिन राहुल गांधी इस बार कोई मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने 23 मई से पूर्व ही माइंडगेम खेलना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह विकल्प तलाश रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगूदेशम पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने सबसे पहले राहुल गांधी से मुुलाकात की है। इसके बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ गहन मंथन किया है।

माना जा रहा है कि राहुल गांधी चाहते हैं कि चुनाव बाद अगर कांग्रेस की कुछ सीटे कम होती है तो महागठबंधन बनाकर मोदी को पीएम बनने से रोक देंगे। खबरे तो यह भी आ रही है कि चुनाव खत्म होते ही राहुल गांधी विपक्षी दलों की बैठक बुलाकर मोदी को रोकने के लिए रणनीति बनायेंगे। बीजेपी के कुछ नेताओं को भी एहसास है कि इस बार मोदी लहर नहीं है। ऐसे में बीजेपी अपने दम पर तो सरकार नहीं बना सकेंगी।
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