न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर में भाजपा नेताओं द्वारा पत्रकारों को रिश्वत देने का मामला शुरुआती जांच में सही पाया गया है। लेह की चुनाव अधिकारी व उपायुक्त अवनी लवासा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।
लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट करने के लिए जम्मू कश्मीर भाजपा नेताओं द्वारा लेह में मीडियाकर्मियों को लिफाफे में पैसे दिए जाने की शिकायत की गई थी। इस संबंध में लेह प्रेस क्लब ने भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस मामले की जांच के आदेश देने वाली लेह की जिला चुनाव अधिकारी और उपायुक्त अवनि लवासा ने कहा, ‘हम इस मामले में पुलिस के जरिए मंगलवार को जिला अदालत गए। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश मांगे लेकिन अदालत ने इस मामले में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।’
अवनि लवासा ने कहा कि यह शिकायतें भाजपा नेताओं द्वारा आचार संहिता का कथित उल्लंघन ही नहीं बल्कि अपराध भी है। अवनि लवासा 2013 बैच की जम्मू कश्मीर कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। वह मौजूदा चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बेटी हैं।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अवनी ने कहा, ‘इस मामले में अब तीन शिकायतें हैं। एक हमने खुद की है। बाकी दो लेह प्रेस क्लब और यहां के एसएचओ द्वारा की गई हैं।’ चुनाव अधिकारी ने बताया कि पुलिस इन सबको मिलाकर एक शिकायत तैयार कर रही है।
इससे पहले लेह प्रेस क्लब ने जम्मू-कश्मीर में भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना और विधान परिषद के सदस्य विक्रम रंधावा पर पत्रकारों को लिफाफों में रिश्वत देने का आरोप लगाया था।
खबर के मुताबिक ऐसा पांचवें चरण के मतदान से पहले भाजपा के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए किया गया था। उधर, रविंदर रैना ने इन आरोप को खारिज किया था।
उनका कहना था कि पत्रकारों को जो लिफाफे दिए गए, उनमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की एक रैली में आने का निमंत्रण पत्र दिए गए थे। रैना ने यह भी कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ये लिफाफे नहीं बांटे और धमकी दी कि वे शिकायत में उनका नाम लेने वाले पत्रकारों पर मानहानि का केस करेंगे।
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