प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय को पिछले ढाई साल में 534 न्यायमूर्तियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं. इनमें 122 जज सुप्रीम कोर्ट के हैं जबकि 412 जज विभिन्न हाईकोर्ट में कार्यरत हैं. इन शिकायतों पर जजों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.

एक्टीविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने सूचना के अधिकार से सरकार से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के बारे में की गई शिकायतों के बारे में विस्तृत सूचना माँगी थी. डॉ. नूतन ठाकुर को मिले जवाब में बताया गया कि वर्ष 2018 से 2020 के बीच ढाई वर्ष के समय में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 534 जजों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं. इनमें 122 जज सुप्रीम कोर्ट के और 412 जज विभिन्न हाई कोर्ट में कार्यरत हैं.
जवाब में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ 52 शिकायतें ऑनलाइन और 70 शिकायतें ऑफ़लाइन की गईं. हाईकोर्ट जजों के खिलाफ 2018 में 204, वर्ष 2019 180 और इस साल अब तक 28 शिकायतें मिल चुकी हैं.
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जानकारी मिली है कि भारत सरकार जजों के खिलाफ शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लेता है. सारी शिकायतें सुप्रीम कोर्ट या सम्बन्धित हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज दिया जाता है. न्यायपालिका इन शिकायतों का निस्तारण किस तरह से करती है इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी जाती है.
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