जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने देश को ‘ऑपरेशन महादेव’ की जानकारी देते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि कश्मीर के पहलगाम में नागरिकों की हत्या में शामिल तीन टॉप आतंकियों को भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में ढेर कर दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर का जवाब बना ऑपरेशन महादेव
गृहमंत्री ने कहा कि पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने धर्म पूछकर आम नागरिकों को गोली मारी थी। इस जघन्य हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी निंदा की और जवाबी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मंजूरी दी। इसके बाद आतंकियों के सफाए के लिए ‘ऑपरेशन महादेव’ शुरू किया गया।
तीन आतंकवादी मारे गए: सुलेमान, अफगान और जिब्रान
अमित शाह ने संसद में बताया कि इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिब्रान मारे गए। ये तीनों बैसरण घाटी और गगनगीर में हुए आतंकी हमलों में शामिल थे।“इन तीनों आतंकवादियों ने कश्मीर की घाटी में निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। सुरक्षाबलों ने इन्हें उनके अंजाम तक पहुंचा दिया,” – अमित शाह
एक महीने तक चली थी खुफिया निगरानी
गृहमंत्री के मुताबिक, 22 मई से 22 जुलाई के बीच खुफिया एजेंसियों, आईबी और सेना ने रांची क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी। 22 जुलाई को ठोस इनपुट मिला और उसी दिन ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
आधुनिक तकनीक और सेंसरों की मदद से आतंकियों की मौजूदगी का पता चला और सेना ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया।
सेना और पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन
सीआरपीएफ, पैरा स्पेशल फोर्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक साथ मिलकर आतंकियों को बैसरण घाटी में घेरा और मुठभेड़ में तीनों को मार गिराया। गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका की विशेष सराहना की और संसद से उन्हें धन्यवाद देने की अपील भी की।
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शाह का विपक्ष पर निशाना
संसद में हुई चर्चा के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा,“यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है। यह समय है शहीदों को नमन करने का और सुरक्षाबलों के साहस को सलाम करने का।”