जुबिली स्पेशल डेस्क
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन राज्य में धमाकेदार जीत दर्ज की है। हालांकि मध्य प्रदेश में उसकी सरकार थी और उसने वहां पर मजबूती से चुनाव जीता है जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सबको चौंकाते हुए कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है।
तीन राज्यों में उसकी जीत आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए काफी अच्छी मानी जा रही है। मोदी लहर में कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है। राज्यों के चुनाव में मोदी का चेहरा आगे कर बीजेपी मैदान मार रही है जबकि कांग्रेस के हाथ में अब कुछ नजर नहीं आ रहा है।

उसने सिर्फ तेलंगाना में जीत दर्ज कर थोड़ा संतोष जरूर हासिल किया है। बात अगर बीजेपी की करे तो उसने अभी से ही लोकसभा चुनाव के लिए अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बीजेपी कितना आगे सोचती है आप सिर्फ इस बाद से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसने राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम तय करने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त ले लिया लेकिन इसके बाद जो नाम सामने आए वो बेहद चौंकाने वाले रहे हैं।
बीजेपी ने तीनों राज्यों में नये चेहरों को मौका दिया है। उसने शिवराज, वसुंधरा और रमन सिंह के बजाये किसी नये चेहरे पर भरोसा जताया है। इसके पीछे बीजेपी की बड़ी रणनीति है। तीनों राज्यों में नये चेहरे के पीछे वोट बैंक की बड़ी सियासत है।

छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय CM यानी आदिवासी वोट बैंक पर पकड़
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराने वाले बीजेपी ने रमन सिंह के बजाये विष्णु देव साय को वहां नया कैप्टन बनाया है। बीजेपी का साफ संकेत है वो हर हाल में आदिवासी समुदाय का समर्थन हासिल करना चाहती है। छत्तीसगढ़ के नये विष्णु देव साय को सीएम की कुर्सी सौंपने का यही मकसद है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी आबादी करीब 34 प्रतिशत है। राज्य में ओबीसी (41 प्रतिशत) के बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 29 सीटों में बीजेपी ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में 2024 को देखते हुए बीजेपी ने विष्णु देव साय पर भरोसा किया है ताकि उसका बड़ा फायदा उसको लोकसभा चुनाव में मिले।
MP ओबीसी वोटरों को अपने पाले में करने की रणनीति
मध्य प्रदेश में भले ही बीजेपी ने मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ा है लेकिन वहां की जनता ने शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट दिया है लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने वहां पर शिवराज के बजाय मोहन यादव पर दाव लगाया है। इसके पीछे है ओबीसी वोटर सबसे बड़ा कारण रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो राज्य में ओबीसी वोटरों की संख्या करीब 52 प्रतिशत है। इसलिए बीजेपी ने आगे लोकसभा को ध्यान में रखकर उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाने का फैसला लिया ताकि यूपी और बिहार समेत अन्य राज्यों में यादव वोटरों को अपने पाले में किया जा सके।
राजस्थान : ब्राह्मण वोटरों पर पूरा जोर
तमाम उठापटक के बीच आखिरकार भजन लाल शर्मा को राजस्थान का नया सीएम बनाया जा रहा है। दो राज्यों में जहां उसने आदिवासी और यादव समुदाय से सीएम बनाकर अन्य पार्टियों को हतप्रभ कर दिया तो उसने राजस्थान में ब्राह्मण चेहरे पर दाव लगाते हुए भजन लाल शर्मा को सूबे की कमान सौंपी है। राजस्थान में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 8 से 9 फीसदी के करीब है। संख्या की बात करें तो प्रदेश में ब्राह्मण की आबादी 85 लाख से अधिक है। इस वजह से बीजेपी की नजर उन 50 सीटों पर जहां पर ब्राह्मणों का दबदबा है। ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बड़े कदम उठा रही है। इस वजह से अन्य पार्टियों को अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा नहीं तो आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मुश्किलों का सामना उठाना पड़ा सकता है।
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