
पॉलिटिकल डेस्क।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस अभी संभल नहीं पाई है, इसी बीच उसकी मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। कांग्रेस को तेलंगाना में झटका लगता दिख रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘तेलंगाना में 18 कांग्रेस विधायकों में से 12 ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें तेलंगाना राष्ट्र समिति विधायक दल में ‘शामिल’ किए जाने की अपील की है।’
बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 में से 88 सीटें जीतकर अपनी बहुमत से सरकार बनाई है। वहीं सूबे में कांग्रेस ने महज 18 सीटों पर ही जीत दर्ज की है।
एक विधायक ने बताया कि 12 विधायकों ने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री के साथ जाने का एलान किया है। के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना में पिछले करीब पांच सालों से मुख्यमंत्री हैं और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ी है।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी टीआरएस ने 17 में से 9 सीटें जीती। वहीं कांग्रेस एक, बीजेपी चार और एआईएमआईएम एक सीट जीतने में कामयाब रही।
क्या है दल-बदल कानून
तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस के पहले 19 विधायक थे। लेकिन तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने लोकसभा चुनाव में नालगोंडा सीट से जीत के बाद बुधवार को हुजूरनगर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
इससे विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 18 रह गई है और दल-बदल कानून के तहत दो-तिहाई सदस्यों की संख्या की जरूरत भी पूरी हो जाती है। नियमों के मुताबिक किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य अगर दल-बदल कर दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो उनकी संख्या दो-तिहाई होनी चाहिए।
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