जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में गुरुवार को भीषण बादल फटने (Cloudburst) की घटना हुई, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इलाके में अचानक बाढ़ आने से भारी नुकसान की आशंका है। राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से मिली। इसके बाद उन्होंने तुरंत किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।
जितेंद्र सिंह ने कहा,”चशोती क्षेत्र में भीषण बादल फटने से भारी जनहानि हो सकती है। प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गया है। नुकसान का आकलन किया जा रहा है और आवश्यक चिकित्सा एवं राहत व्यवस्था की जा रही है। मेरा कार्यालय लगातार अपडेट ले रहा है और हर संभव सहायता दी जाएगी।”
भारी नुकसान की आशंका: सुनील शर्मा
स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने कहा,”किश्तवाड़ में भारी नुकसान हो सकता है। अभी हमारे पास कोई सटीक डेटा नहीं है। इलाके में भीड़ ज्यादा है क्योंकि यात्रा का सीजन चल रहा है। हम उपराज्यपाल से बात करेंगे और एनडीआरएफ टीम की मांग करेंगे।”
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि”चशोती में अचानक बाढ़ आई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।”
उपराज्यपाल का बयान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा,”बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया गया है।”
मौसम विभाग का अलर्ट
श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि आने वाले 4-6 घंटों में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश, गरज, बिजली और तेज हवाओं की संभावना है।
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कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
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संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, अचानक बाढ़ और पत्थर गिरने का खतरा है।
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मौसम विभाग ने डल झील, वुलर झील और अन्य जलाशयों में नाव चलाने व शिकारा सवारी रोकने की सलाह दी है।
धराली में भी हुआ था बादल फटना
इससे पहले 5 अगस्त को उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में भी भीषण बादल फटने से तबाही मची थी। उस घटना में कई होटल, मकान और होमस्टे जमींदोज हो गए थे। अब भी लापता लोगों की तलाश में खोजी कुत्तों की मदद से बचाव अभियान जारी है।