न्यूज डेस्क
देश में गुजरात ऐसा पहला राज्य है जहां गोहत्या रोकने के लिए सख्त कानून है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें गाय के बछड़े को मारने के दोषी को अदालत ने दस साल कारावास की सजा सुनाया और साथ में एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
गुजरात के राजकोट जिले की एक अदालत ने गाय के एक बछड़े को मारने के दोषी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई और साथ में एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
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यह पहला ऐसा मामला है जिसमें अदालत ने गोकशी को लेकर 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। मामला गुजरात के राजकोट जिले का है।
राजकोट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज एचके दवे की अदालत ने 6 जुलाई को सलीम मकरानी को गुजरात पशु संरक्षण (संधोधन) अधिनियम 2017 के तहत सजा सुनाई।
गौरतलब है कि 29 जनवरी 2019 को सत्तार कोलिया की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने सलीम पर बछड़ा चुराने और उसे मारकर अपनी बेटी के शादी समारोह में परोसने का आरोप लगाया था।
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सलीम को दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाने से पहले नवसंशोधित अधिनियम के तहत गवाहों की गवाही और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर विचार किया गया। अधिकारियों ने कहा कि नया संशोधित अधिनियम के तहत यह पहली सजा हो सकती है।
अधिनियम में गोमांस के परिवहन, बिक्री और रख-रखाव के लिए सात से 10 साल कारावास की सजा का प्रावधान है। पहले ऐसे मामलों में अधिकतम तीन साल कारावास की सजा का प्रावधान था।
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संशोधित अधिनियम के अनुसार, गोमांस के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को स्थायी रूप से जब्त किया जा सकता है।
देश में गुजरात ऐसा पहला राज्य है, जिसने गोहत्या को रोकने के लिए इतना सख्त कानून बनाया है। इस कानून के तहत गोवंश की हेराफेरी करने वाले और गोमांस के साथ पकड़े जाने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान है।
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