जुबिली न्यूज डेस्क
ईरान इस समय अपनी अब तक की सबसे गंभीर पानी की इमरजेंसी का सामना कर रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सरकार ने तेहरान के 1 करोड़ से अधिक निवासियों को चेतावनी दी है—यदि स्थिति नहीं सुधरी तो राजधानी को खाली कराने तक का फैसला लेना पड़ सकता है। यह संकट युद्ध, राजनीतिक संघर्ष या किसी बाहरी खतरे से नहीं, बल्कि पानी की भारी कमी से पैदा हुआ है।

सूखे से जूझती राजधानी: 50 साल में सबसे भयावह पतझड़
ईरान पिछले पांच दशकों के सबसे भीषण सूखे से गुजर रहा है। इस पतझड़ में बारिश रिकॉर्ड स्तर पर कम हुई है, जिससे देश के जल भंडार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण:
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नदियाँ लगभग सूख चुकी हैं
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जलाशय तेजी से सिकुड़ रहे हैं
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भूजल स्तर गिर चुका है
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और राजधानी तेहरान पानी के गहरे संकट में फंस चुकी है
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द भारी बारिश नहीं होती, तो तेहरान के पास अपनी आबादी के लिए पर्याप्त पानी नहीं बचेगा।
बांधों की हालत बेहद खराब, पानी खत्म होने की कगार पर
तेहरान की पानी की ज़रूरतें मुख्य रूप से बड़े बांधों से पूरी होती हैं। लेकिन ताज़ा सैटेलाइट रिपोर्ट और सरकारी डेटा ने चिंता बढ़ा दी है:
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मुख्य बांध लगभग खाली हो चुके हैं
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जलस्तर सामान्य के मुकाबले बेहद कम
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अधिकारी आशंकित हैं कि जल्द ही नलों में पानी आना बंद हो सकता है
यह स्थिति राजधानी में अभूतपूर्व संकट की ओर इशारा कर रही है।
10 मिलियन आबादी का भारी दबाव
तेहरान में 1 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए लगातार पानी की आपूर्ति बनाए रखना इस सूखे के दौरान बेहद मुश्किल है।
समस्या इसलिए बढ़ गई है क्योंकि:
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शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर
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जल प्रबंधन प्रणाली
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और आपातकालीन योजनाएं
जलवायु परिवर्तन से पैदा हुए इतने गंभीर जल संकट का सामना करने के लिए कभी डिज़ाइन ही नहीं की गई थीं।
सार्वजनिक सेवाएं भारी दबाव में हैं और सरकार के पास नियमित पानी सप्लाई की गारंटी देने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं।
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राष्ट्रपति की चेतावनी: जरूरत पड़ी तो राजधानी खाली होगी
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने बेहद गंभीर बयान दिया है:
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यदि दिसंबर के अंत तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई,
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तो सरकार को सख्त पानी राशनिंग लागू करनी होगी
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या फिर तेहरान को खाली कराने तक का आदेश देना पड़ सकता है
सरकार की एक संभावित योजना में मकरान तट का नाम सामने आया है, जहां पानी की दीर्घकालिक बेहतर संभावनाएं हैं और समुद्र तक आसान पहुंच है।
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