Saturday - 6 January 2024 - 7:56 AM

महाराष्ट्र : सीएम और गर्वनर के बीच बढ़ी तनातनी

जुबिली न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल की तरह महाराष्ट्र में भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच तनाव बढ़ गया है। राज्यपाल से उद्धव सरकार से सवाल पूछा तो उस पर मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

महाराष्ट्र में बीजेपी किसी न किसी मुद्दे पर उद्धव सरकार पर हमलावर रहती ही है। एक बार फिर बीजेपी मंदिर खुलवाने को लेकर राज्य में प्रदर्शन कर रही है। राज्यपाल और सीएम के बीच भी इसी को लेकर विवाद हुआ है। वहीं कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए प्रदेश में तालाबंदी को लेकर भी बयानबाजी शुरु हो गई है।

यह भी पढ़ें : एक दौर वह भी था जब नेताओं के लिए पार्टी का आदेश सिर आंखों पर होता था

महाराष्ट्र में नया विवाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच खड़ा हुआ है। दो दिन पहले ही राज्यपाल ने राज्य में पूजास्थलों को खोलने की मांग के साथ मुख्यमंत्री से पूछा था कि कहीं वे धर्मनिरपेक्ष तो नहीं बन गए।

इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा था कि धर्मनिरपेक्ष शब्द संविधान में निहित है और जब आपने (राज्यपाल ने) राजभवन में शपथ ली थी, तो इसकी रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

दरअसल राज्यपाल कोश्यारी ने सोमवार को यह पत्र भेजा था। उनके इस पत्र के जवाब में मंगलवार को सीएम ठाकरे ने कहा कि उन्हें अपनी हिंदुत्व का परिचय देने के लिए कोश्यारी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना की साथी एनसीपी ने भी ठाकरे का बचाव किया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल के इस बर्ताव पर आश्चर्य जाहिर किया।

यह भी पढ़ें : बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ये क्या किया ! 

यह भी पढ़ें : नौकरशाही : यह तो गजब हो रहा है!

यह भी पढ़ें : उपचुनाव : BJP के UP की 6 सीटों पर प्रत्याशी घोषित, देवरिया पर फैसला क्यों नहीं ?

पवार ने अपने पत्र में लिखा है, “संविधान की प्रस्तावना में ही धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया है, जो कि सभी धर्मों की रक्षा के लिए है और इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को संविधान के ऐसे सिद्धांतों को कायम रखना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल का मुख्यमंत्री को लिखा पत्र ऐसा है, जैसे किसी पार्टी के नेता को लिखा गया हो।”

पत्र में आगे लिखा गया है, “मुझे पूरा विश्वास है कि एक लोकतंत्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विचारों का आदान-प्रदान स्वतंत्रता के साथ होना चाहिए। हालांकि, इसका भाव हमेशा उस संवैधानिक पद को ध्यान में रखकर होना चाहिए।”

मंदिर खुलवाने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

महाराष्ट्र  में मंदिर खुलवाने की मांग के साथ बीजेपी कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनका कहना है कि जब राज्य में सब कुछ फिर से खुल गया है तो सिर्फ मंदिर क्यों बंद हैं। उन्होंने नारेबाजी की ‘मंदिरा चालू मंदिर बंद’। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर भक्तों के लिए मंदिर फिर से नहीं खोले जाते तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

यह भी पढ़ें : कोरोना वैक्सीन को लेकर कब मिलेगी अच्छी खबर?

यह भी पढ़ें :  बहुत समय बाद एक साथ आए फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष का दावा, कहा-गाय के गोबर से बनी चिप…

वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल के जवाब में लिखी गई सीएम ठाकरे के पत्र पर सवाल उठाया है। फडणवीस ने कहा है कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है। इसके कुछ शिष्टाचार हैं। उनके साथ कोई भी संचार सम्मान को बनाए रखते हुए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम की चिट्ठी की भाषा ठीक नहीं थी।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com