जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मचाई है। दुनिया में कोरोना से सबसे अधिक मौतें अमेरिका में ही हुई हैं।
अमेरिका में कोविड-19 से मौतों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। इस मौके पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश को संबोधित किया।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा, “एक देश के रूप में हम ऐसे क्रूर भाग्य को स्वीकार नहीं कर सकते। हमें दुख की भावना को सुन्न नहीं होने देना है। ”

इस मौके पर व्हाइट हाउस के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, साथ ही राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ने अपने-अपने जीवन साथियों के साथ कुछ देर का मौन रखा।
मालूम हो अमेरिका में अब तक 28.1 मीलियन से ज़्यादा लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जो एक और वैश्विक रिकॉर्ड है।
बाइडन ने लोगों से कोविड के खिलाफ लडऩे का आह्वान किया, उन्होंने कहा कि “आज मैं सभी अमेरिकियों से कहता हूं कि वो याद करें। जिन्हें हमने खोया उन्हें याद करें और उन्हें याद करें जिन्हें हमने पीछे छोड़ दिया।”
राष्ट्रपति बाइडन ने अगले पांच दिन के लिए सरकारी इमारतों पर सभी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुकाने का आदेश दिया।
व्हाइट हाउस में अपने भाषण की शुरुआत में बाइडन ने कहा कि विश्व युद्ध एक, विश्व युद्ध दो और वियतनाम युद्ध में मिलाकर अमेरिकियों की इतनी मौतें नहीं हुई जितनी कोविड की वजह से हुई हैं।
उन्होंने कहा, “आज हम वास्तव में 500,071 मौतों के एक मनहूस और दिल तोडऩे वाले माइलस्टोन पर पहुंचे हैं।”
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उन्होंने कहा कि “हमने अक्सर सुना है लोगों को आम अमेरिकी कहा जाता है। ऐसा कुछ नहीं है, उनमें कुछ भी आम नहीं है। जिन्हें हमने खोया वो असाधारण थे। वो अमेरिका में जन्मे थे या अपना देश छोड़कर अमेरिका आए थे।”
उन्होंने कहा, “उनमें से कइयों ने अमेरिका में अकेले अंतिम सांस ली। ”
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उन्होंने अपने ख़ुद के दुख के पलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि -1972 में उनकी पत्नी और बेटी की एक कार हादसे में जान चली गई थी और उनके एक बेटे की 2015 में ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए, गम और शोक का मेरा सफर एक उद्देश्य की खोज है।”
महमारी को लेकर बाइडन की अप्रोच पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से अलग है। ट्रंप ने जानलेवा वायरस के असर पर संदेह किया और उन्हें मास्क पहनने और वायरस के फैलाव को रोकने के लिए अन्य कदमों का राजनीतिकरण करते हुए देखा गया।
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