न्यूज डेस्क
नागरिकता कानून संशोधन के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन हो रहा है। एक्ट को अफवाहों का बाजार गर्म है और मुसलमानों के अंदर डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तीन तलाक पीड़ित और परित्यकता महिलाओं को छह हजार रुपये सालाना आर्थिक मदद देने का एलान किया है।
हालांकि अभी तक लाभ पाने के लिए किसी तरह की कोई अधिकतम आयसीमा नहीं रखी गई है। इसके लिए अत्याचार की एफआईआर या अदालत में भरण-पोषण का मुकदमा ही पर्याप्त आधार होगा। चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में ही दोनों श्रेणियों की पांच-पांच हजार महिलाओं को योजना का लाभ देने का लक्ष्य लिया गया है।
बता दें कि ट्रिपल तलाक को अपराध के दायरे में लाए जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित महिलाओं को मदद की घोषणा की थी। इसके दायरे में मुस्लिम महिलाओं के अलावा हिंदू व अन्य धर्मों की पीड़ित परित्यक्ता महिलाओं को भी लाया गया है।

तय हुआ है कि चालू वित्त वर्ष से ही आर्थिक मदद दिए जाने की योजना लागू की जाएगी। इसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने ट्रिपल तलाक से पीड़ित प्रदेश की पांच हजार महिलाओं को चिह्नित कर लिया है। वहीं, इतनी ही परित्यक्ता महिलाओं के बारे में भी सर्वे करा लिया गया है। पहले चरण में इन महिलाओं को लाभ दिया जाएगा।
ट्रिपल तलाक और परित्यक्ता महिलाओं के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था भी सरकार करेगी, ताकि उनके मामले में फैसला अल्प अवधि में ही आ सके। इसके अलावा जरूरतमंद तीन तलाक और परित्यक्ता महिलाओं के लिए सरकार मुफ्त आवास भीदेगी। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दे दिए गए हैं।
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