जुबिली स्पेशल डेस्क
देश में इन दिनों चुनावी मौसम चल रहा है। इस साल के अंत जहां एक ओर पांच अहम राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाला है तो दूसरी ओर अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
एनडीए को रोकने के लिए अब इंडिया गठबंधन बना है लेकिन अब भी बड़ा सवाल है ये नया गठबंधन कितने दिनों तक एकजुट रहता है। वहीं बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले काफी बेचैन हो गई है।
दरअसल पिछले तीन हफ्तों में तीन ऐसे मुद्दे हैं जो विपक्ष के लिए अहम मुद्दा बनता जा रहा है। महिलाओं को आरक्षण, ओल्ड पेंशन स्कीम, और बिहार में जातिगत जनगणना ने बीजेपी के कुनबे में हलचल जरूर पैदा कर दी है।

इनको लेकर विपक्ष एकजुट होकर मोदी सरकार को घेर रहा है। पीएम मोदी जीत की हैट्रिक लगाने का दावा जरूर कर रहे हैं लेकिन अब कुछ ताजा मुद्दों ने उनकी रातों की नींद उड़ाने का जरूर काम किया है। हालांकि अब बीजेपी इन मुद्दों पर विपक्ष को हिंदुत्व कार्ड के जरिए घेरने की तैयारी कर रही है।
मोदी चुनाव से पहले लोकसभा और विधानसभा में आधी आबादी को एक तिहाई हिस्सेदारी देने (महिला आरक्षण) पर दांव लगाया लेकिन विपक्षी ने ओबीसी का मुद्दा बनाकर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया। इतना ही नहीं पूरी तरह से सियासी हवा का रूख भी मोड दिया।
वहीं पुरानी पेंशन (ओपीएस) और जातिगत जनगणना को खूब हवा दी गई और ये जिन्न बाहर आते हैं बीजेपी के कुनबे में बैचेनी बढ़ गई। विपक्ष इन दोनों मुद्दों के बहाने बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है।
इसके साथ ही विपक्ष मोदी सरकार को ओबीसी विरोधी कठघरे में खड़े करने में लगा हुआ है। वहीं बीजेपी इस सब की काट हिंदुत्व कार्ड के जरिये खोज रही है।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में इस बार मुकाबला कड़ा होगा क्योंकि मोदी को घेरने के लिए विपक्ष एकजुट है।
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