जुबिली स्पेशल डेस्क
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की एक बार फिर अपना दर्द दुनिया के सामने साझा किया है। उन्होंने जर्मनी में आयोजित म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूक्रेन का पक्ष रखा है और अमेरिका के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है। दरअसल, नाटो में यूक्रेन की सदस्यता को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपनी जमकर भड़ास अमेरिका पर निकाली है
। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका और बाइडेन प्रशासन ने कभी भी यूक्रेन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के एक सदस्य के तौर पर नहीं देखा।
दूसरी तरफ, अमेरिका ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी और अमेरिका के नए रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने नाटो में यूक्रेन की सदस्यता को लेकर साफ तौर पर कहा था कि वह यथार्थवादी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, कि यूक्रेन 2014 से पहले की सीमा को फिर से हासिल करने का सपना देखना छोड़ दे। इसी बयान से यूक्रेन काफी नाराज है और अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाने के लिए उसकी कोशिशों को अमेरिका के द्वारा तगड़ा झटका था। दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात पर चुप्पी तोड़ी है।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने पर तभी हामी भरेंगे जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का साथ साझा योजना पर वार्ता हो जाएगी।
जेलेंस्की ने म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कहा, कि मेरा मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और संघर्ष को खत्म करने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका काफी अहम हो सकती है।
दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में खुलासा किया कि पुतिन से यूक्रेन मामले पर बातचीत की है और वह युद्धविराम को लेकर बातचीत पर सहमत भी हो गए हैं। अब देखना होगा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के ताजा बयान पर अमेरिका और रूस क्या प्रतिक्रिया देते हैं। फिलहाल, अमेरिका ने चुप्पी साध रखी है।
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