जुबिली स्पेशल डेस्क
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई आखिर कब सार्वजनिक रूप से सामने आएंगे? यह सवाल इस वक्त तेहरान से लेकर इज़राइल की राजधानी तेल अवीव तक चर्चा में है। दरअसल, जब से ईरान-इज़राइल युद्ध शुरू हुआ है, खामेनेई को एक सुरक्षित बंकर में रखा गया है, जहां से वह अपने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर युद्ध रणनीतियों में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।
अब जबकि युद्धविराम हो चुका है और हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, तो बड़ा सवाल उठ रहा है — क्या अयातुल्ला खामेनेई अब सामने आएंगे?
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इसका संकेत भी मिलना शुरू हो गया है। दरअसल, 28 जून (शनिवार) को ईरान सरकार ने घोषणा की है कि इज़राइली हमले में मारे गए सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। माना जा रहा है कि अंतिम नमाज़ (जनाज़ा-ए-नमाज़) के दौरान खुद अयातुल्ला खामेनेई भी मौजूद रह सकते हैं।
यह उल्लेखनीय है कि खामेनेई केवल ईरान के सर्वोच्च राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता भी हैं। इसी वजह से ऐसे शहीद सैनिकों और अधिकारियों के जनाज़े में उनकी उपस्थिति को विशेष महत्व दिया जाता है।
इससे पहले, हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरुल्लाह के निधन पर जब उनका अंतिम संस्कार लेबनान की राजधानी बेरूत में हुआ था, तब भी अयातुल्ला खामेनेई विशेष रूप से वहाँ पहुंचे थे। नसरुल्लाह को खामेनेई का करीबी माना जाता था।
खामेनेई फिर शामिल हो सकते हैं जनाज़े में, 28 जून को दफन होंगे ईरानी कमांडर
2020 में जब ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की इराक में मौत हुई थी, तो उनके जनाज़े में देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई खुद शामिल हुए थे और भावुक होकर रो पड़े थे। उन्होंने कहा था कि सुलेमानी की शहादत कभी नहीं भूली जाएगी। इस हत्या का आरोप अमेरिका पर लगा था।
अब जब हाल ही में ईरान के कुछ शीर्ष सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों की मौत हुई है, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि खामेनेई इस बार भी बंकर से बाहर आकर उनके जनाज़े में शामिल हो सकते हैं।
ईरान सरकार ने जानकारी दी है कि 28 जून को सुबह 8 बजे तेहरान में इन शहीद कमांडरों और वैज्ञानिकों को दफनाया जाएगा। दफन से पहले अंतिम नमाज़ भी अदा की जाएगी, जिसे खुद खामेनेई पढ़ा सकते हैं।
खामेनेई से संपर्क नहीं हो पा रहा
एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समय से ईरान के बड़े अधिकारियों का खामेनेई से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह बात तब सामने आई जब तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोआन ने खामेनेई से बात करने की कोशिश की, लेकिन ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि “संपर्क नहीं हो पा रहा है।”
खामेनेई की सुरक्षा “सेपाह-ए-वली-ए-अम्र” नाम की स्पेशल फोर्स के पास होती है, जिसमें करीब 12,000 बॉडीगार्ड होते हैं। जैसे ही ईरान-इजराइल के बीच जंग शुरू हुई, खामेनेई ने खुद को इस सुरक्षा बल के हवाले कर दिया था और उन्हें एक सुरक्षित बंकर में पहुंचा दिया गया था।