जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय शराब बंदी दिवस (Dry Day) लागू होता है। यानी इस दिन शराब की बिक्री और खरीद पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती है। सरकारी और निजी शराब की दुकानें, बार, पब और ठेके इस दिन बंद रहते हैं।

क्यों रखा जाता है 2 अक्टूबर को ड्राई डे?
गांधी जी के जीवन का मुख्य संदेश अहिंसा, सादगी और संयम था। इसी विचारधारा को सम्मान देने और समाज में शराब की खपत को नियंत्रित करने के लिए 2 अक्टूबर को ड्राई डे घोषित किया गया है।
शराब खरीदने और बेचने पर क्या है कानून?
भारत के अलग-अलग राज्यों में बने शराब नियंत्रण अधिनियम के तहत 2 अक्टूबर को शराब बेचना या खरीदना कानूनी अपराध माना जाता है।
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यदि कोई व्यक्ति इस दिन शराब बेचता या खरीदता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है।
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सजा की गंभीरता शराब की मात्रा और राज्य के स्थानीय कानूनों पर निर्भर करती है।
क्या शराब पीना भी अपराध है?
कई लोग यह सवाल पूछते हैं कि अगर कोई 2 अक्टूबर को शराब पीता है तो क्या उसे भी सजा मिल सकती है?
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कानून मुख्य रूप से बिक्री और खरीद पर केंद्रित है, निजी उपभोग पर नहीं।
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यानी अगर आपके पास पहले से शराब रखी हुई है और आप उसे घर पर पीते हैं, तो यह आमतौर पर अपराध नहीं माना जाएगा।
किन हालात में बन सकता है मामला?
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यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर शराब पीता है
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या नशे की हालत में गाड़ी चलाता है
तो उसके खिलाफ सामान्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना और गिरफ्तारी दोनों शामिल हैं।
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2 अक्टूबर को शराब खरीदना और बेचना पूरी तरह अवैध है, लेकिन घर पर पहले से रखी शराब पीना अपराध नहीं है। इस ड्राई डे का उद्देश्य लोगों को शराब के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और गांधी जी के आदर्शों को याद दिलाना है।
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