जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राजस्थान में भले ही कांग्रेस की सरकार हो लेकिन वहां पर अक्सर उठापटक देखने को मिलता है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छत्तीस आंकड़ा है ये कहना गलत नहीं होगा।
अक्सर दोनों नेताओं के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिलती है। सचिन पायलट ने राजस्थान को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनका बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को लेकर है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के कहने पर राजस्थान में जब सरकार बनी तो मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था।

ऐसे में आगे अगर किसी भी राजस्थान के नेता को आलाकमान से कोई निर्देश मिलते हैं तो उसे वह निर्देश मानने होंगे। उनके इस बयान के बाद एक तो साफ हो गई है कि अगर अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर हाइकमान कोई फैसला लेता है तो उनको मानना होगा। अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपने गृह जिले जोधपुर में राजस्थान छोडऩे की बात कही थी। ऐसे में अटकले लग रही है कि वो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं।
सचिन पायलट ने आज राजधानी जयपुर में मीडिया से बात की और कहा कि राजनीति में जो होता है वह दिखाई नहीं देता है। दिखाई नहीं देता है वह हो जाता है।
बता दे कि राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लेकर कमर कस ली है और इसी को ध्यान में रखकर कोई बड़ा फेरदबल हो सकता है। स्थानीय मीडिया की माने तो सचिन पायलट ने राहुल और प्रियंका गांधी से मिलकर अपना पक्ष रखा है और साथ राजस्थान की मौजूदा स्थिति पर फीडबैक दिया है।

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कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि पायलट ने दोनों नेताओं को इशारों में साफ बता दिया कि बड़े बदलाव के बिना राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला और फिर से वापसी बेहद मुश्किल है। ऐसे में देखना होगा कि क्या कांग्रेस सचिन पायलट को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपती है या नहीं।
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