जुबिली स्पेशल डेस्क
अगले साल लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मोदी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट होना चाहता है लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
दरअसल कुछ राजनीतिक दल खासकर ममता और केसीआर जैसे नेता अपनी अलग राह पकड़े हुए तो दूसरी ओर कांग्रेस बार-बार विपक्ष को एक होने की सलाह दे रहा है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कल यानी गुरुवार को विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को यहां आमंत्रित किया है।
अब सवाल है कि शरद पवार ने ये बैठक क्यों बुलाई है। दरअसल ये बैठक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर होगी।

शरद पवार ने ये बैठक शाम छह बजे बुलाई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि पवार ने विपक्षी नेताओं को लिखे अपने पत्र में कहा कि विशेषज्ञों ने कहा है कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है और ‘‘हम लोकतंत्र को अनैतिक तत्वों द्वारा बंधक बनाने नहीं दे सकते।
इसलिए, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के हित में, हमें एकसाथ बैठना चाहिए और प्रख्यात आईटी पेशेवरों और क्रिप्टोग्राफर द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को सुनना चाहिए।’’पवार के कद को देखते हुए कई विपक्षी दलों के नेताओं के इस बैठक में शामिल होने की संभावना है।
बता दें कि कांग्रेस लगातर कह रही है कि विपक्षी दलों को एक होना तभी जाकर बीजेपी को रोका जा सकता है। वहीं कुछ क्षेत्रीय दल अपनी ताकत के हिसाब से चुनावी दंगल में उतरना चाहते हैं। इतना ही नहीं तीसरे मोर्चा को बनाने की तैयारी चल रही है। कांग्रेस चाहती है कि मोदी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ लड़े तभी बात बन सकती है। कांग्रेस को डर है कि अगर विपक्ष एक नहीं हुआ तो वोट का बटवारा होगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।
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