स्पेशल डेस्क
लखनऊ। इस समय पूरा देश कोरोना वायरस के जूझ रहा है। ऐसे में केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी कोरोना को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए श्रम अधिनियमों में कुछ बदलाव किया है। दरअसल योगी सरकार ने कोरोना के चलते प्रभावित उद्योगों को मदद देने के लिए श्रम कानूनों में छूट देने का फैसला किया है।
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हालांकि योगी के इस फैसले पर सपा ने ऐतराज जताया है और सरकार पर हमला बोला है। दरअसल समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे मजदूरों और गरीबों के खिलाफ बताया है।
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इतना ही नहीं अखिलेश ने योगी से इस्तीफा भी मांगा है। उन्होंने इस पूरे मामले पर एक ट्वीट किया और सरकार को घेरा है। अखिलेश ने लिखा है कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने एक अध्यादेश से मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम-क़ानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया है. यह बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है. श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली गरीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।
उप्र की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मज़दूरों को शोषण से बचानेवाले ‘श्रम-क़ानून’ के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया है. ये बेहद आपत्तिजनक व अमानवीय है।
श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली ग़रीब विरोधी भाजपा सरकार को तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 8, 2020
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