जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा एक बार फिर पुरानी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले साल विधान सभा चुनाव में मिली हार के बावजूद समाजवादी पार्टी हार नहीं मानी है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए उसने अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
हालांकि इस बार सपा पहले से बेहतर लग रही है क्योंकि मुलायम के जाने के बाद उनका बिखरा हुआ कुनबा एक हो गया है। नाराज चाचा ने अब अखिलेश यादव का साथ देने का फैसला किया और फिर से सपा में शामिल हो गए है। इसके बाद से सपा पूरी तरह से बदली हुई नजर आ रही है।
चाचा और भतीजे की जोड़ी से बीजेपी भी टेंशन में है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता अपने बयानों की वजह से सपा को मुश्किल में डालने का काम जरूर कर रहे हैं।

ताजा मामला है स्वामी प्रसाद मौर्य। स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी से किनारा करके सपा का दामन थामा और चुनाव में ताल ठोंकी और हार का मुंह देखना पड़ा।
हार के बाद सपा ने उनको उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भेजा। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के कुछ ऐसे बयान सपा के लिए मुश्किलें पैदा करने काम कर रही है। उनमें रामचरित्र मानस पर विवादित बयान सपा को बैकफुट डाल दिया था ।अब उनका ताजा बयान एक बार फिर सुर्खियों में है। उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि आतंकीवादी के भेष में कुछ साधु-संत मेरी हत्या की बात करते थे, लेकिन योगी सरकार ने मेरी सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रही और कानून की दुहाई की बात कर रही थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर किस बात के हिंदू हैं हम. हम लोग तो नीच हैं, आपकी गुलामी करने के लिए हैं, क्या इसलिए आपको हिंदुओं की चिंता सता रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो लोग आज हिंदुओं के अधिकारों की बात करते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आपने हिंदुओं के लिए किया क्या है? आपने उनको पढ़ने-लिखने से वंचित कर दिया, महिलाएं भी पढ़-लिख नहीं पाईं।
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