जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार में विधानसभा चुनाव बेहद करीब हैं और एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान तेज हो गया है। हालांकि जानकारी के मुताबिक, एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर कोई गंभीर रार नहीं है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में अपनाए गए फार्मूले के आधार पर ही विधानसभा सीटों का बंटवारा किया जाएगा।
बिहार की राजनीति से जुड़े एक सूत्र ने जुबिली पोस्ट को बताया कि विधानसभा चुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। यह बंटवारा लोकसभा चुनाव के फार्मूले को आधार बनाकर किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में अगर नजर डालें तो बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16, एलजेपी ने 5, जबकि जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में जेडीयू, बीजेपी से एक-दो सीटें अधिक मांग सकती है।
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बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से सूत्रों के अनुसार, जेडीयू 102 से 103 और बीजेपी 101 से 102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बाकी बची करीब 40 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच बांटी जाएंगी।
कहा जा रहा है कि चिराग पासवान ज्यादा सीटों के लिए एनडीए में दबाव बना रहे हैं। LJP की ओर से 25 से 28 सीटों की मांग की जा रही है, जबकि हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी ज्यादा सीटों की उम्मीद लगाए बैठे हैं। अब देखना होगा कि इन सहयोगी दलों को एनडीए में कितनी हिस्सेदारी मिलती है।
महागठबंधन का प्रदर्शन: RJD ने जीतीं सबसे ज़्यादा सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया। इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) रही, जिसने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटों पर जीत दर्ज की।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 19 सीटें जीतने में सफल रही।
वाम दलों ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया:
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सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने 19 में से 12 सीटें जीतीं।
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सीपीआई (मार्क्सिस्ट) ने 4 में से 2 सीटें हासिल कीं।
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सीपीआई ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2 पर जीत दर्ज की।
कुल मिलाकर, महागठबंधन ने राज्य में विपक्ष की ताकत को मजबूत किया और जनसमर्थन हासिल करने में सफल रहा।