जुबिली न्यूज डेस्क
7 मई 2025 को आयोजित “ऑपरेशन सिंदूर” की प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत के रुख और कार्रवाई की स्पष्ट व्याख्या की। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 भारतीय पर्यटक मारे गए थे।
विक्रम मिस्री के मुख्य बिंदु:
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लक्ष्य: मिस्री ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि ये हमले “सटीक, सीमित और गैर-उत्तेजक” थे, और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया।
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आतंकी संगठनों की भूमिका: उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़े समूहों का हाथ था। भारत के पास इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट प्रमाण हैं।
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भविष्य की रणनीति: मिस्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा और किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत क्षेत्रीय शांति का पक्षधर है, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
इस प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया और ऑपरेशन की रणनीति, लक्ष्यों और परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नौ आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया है।
इस प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने का भी इच्छुक है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने क्या कहा
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, मरकज सुभानअल्लाह जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय था. यहां आतंकियों को ट्रेंनिंग दी जाती थी. किसी भी सैनिक ठिकाने को निशान नहीं बनाया गया और किसी भी तरह की नागरिक क्षति भी नहीं हुई है.
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर के चार जवानों की हत्या की गई थी. उन्हें पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी कैंप में ट्रेंड किया गया था. मुंबई आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों के ठिकानों को भी टारगेट किया गया. कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे.