जुबिली स्पेशल डेस्क
देशभर में विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया, लेकिन इस बार रावण सिर्फ आग से नहीं, बारिश से भी हार गया। दिल्ली, पटना, जम्मू, उत्तराखंड और कई शहरों में दशहरे के कार्यक्रम बारिश की भेंट चढ़ गए।
दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्रीधार्मिक लीला समिति के मंच से रावण पर तीर चलाकर विजयादशमी उत्सव की शुरुआत की। हालांकि, झमाझम बारिश के बीच लोगों को छाते और रेनकोट में ही कार्यक्रम का आनंद लेना पड़ा। वहीं, भारी बारिश के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आईपी एक्सटेंशन में होने वाला रावण दहन कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
पटना में भी रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को भारी बारिश से बचाने की कोशिश नाकाम रही। गांधी मैदान का विशाल पुतला दहन से पहले ही भीगकर ढह गया।
पटना के गांधी मैदान में तो नज़ारा ही अलग था। यहां 80 फीट ऊंचे रावण, 75 फीट के मेघनाथ और 70 फीट के कुंभकरण को खास तौर पर राजस्थान और दक्षिण भारतीय अंदाज़ में सजाया गया था। मगर बारिश की वजह से पुतले भीगकर टूटने लगे। हालांकि बाद में रावण को रिमोट कंट्रोल से धू-धू कर जलाया गया, लेकिन लोगों के उत्साह पर मौसम का पानी पड़ चुका था।
उत्तराखंड के रुद्रपुर में तेज आंधी और बारिश से रावण समेत तीनों पुतले गिर पड़े, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
फिर भी, कई जगह आतिशबाज़ियों, जयकारों और ‘जय श्रीराम’ के नारों के बीच बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश गूंजता रहा। इस बार दशहरे ने यह सिखाया कि चाहे आग लगे या बारिश बरसे, रावण का अंत तय है।
उत्तर प्रदेश के बरेली और मध्य प्रदेश के कटनी में भी रावण जलने से पहले ही गल गया। वहीं उत्तराखंड के रुद्रपुर में तो तेज़ आंधी और बारिश से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले मैदान में ही गिर पड़े।
हालांकि मौसम की मार के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। जगह-जगह आतिशबाज़ियों की गूंज, “जय श्रीराम” के नारे और बच्चों की चमकती आंखें इस बात का सबूत बनीं कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अंत उसका तय है।
#WATCH | Delhi: President Droupadi Murmu watches the burning of effigies, as she attends the #VijayaDashami festivities organised by Shri Dharmic Leela Committee.
(Video Source: President of India/YouTube) pic.twitter.com/0tNQrsVxRm
— ANI (@ANI) October 2, 2025