जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक आदेश चौहान को 16 साल पुराने पुलिस हिरासत में मारपीट मामले में दोषी ठहराते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने छह महीने की सजा सुनाई है। हरिद्वार के रानीपुर से विधायक आदेश चौहान के साथ उनकी भतीजी दीपिका और तीन पुलिसकर्मी भी इस मामले में दोषी पाए गए हैं। कोर्ट ने सजा सुनाने के तुरंत बाद सभी को बेल (जमानत) भी दे दी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2009 का है जब दीपिका चौहान ने अपने पति मनीष और उनके परिवार पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हरिद्वार पुलिस ने मनीष और उसके परिजनों को गंगानहर थाने बुलाया।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में मनीष और उनके परिवार के साथ मारपीट की गई। इसके बाद मनीष ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया।
CBI जांच में क्या सामने आया?
CBI जांच में खुलासा हुआ कि:
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पुलिस ने मनीष और उनके परिजनों को दो दिन तक बिना कानूनी कार्रवाई के हिरासत में रखा।
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हिरासत के दौरान मारपीट की गई।
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इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस और शिकायतकर्ता पक्ष की भूमिका संदिग्ध रही।
कोर्ट का फैसला
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विशेष सीबीआई न्यायाधीश संदीप भंडारी ने आदेश चौहान और दीपिका को छह-छह महीने की सजा सुनाई।
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साथ ही मामले में शामिल तीन पुलिसकर्मियों को एक-एक साल की सजा दी गई।
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मुकदमे के दौरान तीन में से एक पुलिसकर्मी की मौत हो चुकी है।
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राजनीतिक पृष्ठभूमि और विधायक की प्रतिक्रिया
जब यह मामला सामने आया था, तब आदेश चौहान विधायक नहीं थे, केवल एक पदाधिकारी थे। इसके तीन साल बाद वे पहली बार विधायक बने और तब से हर चुनाव जीतते आ रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद आदेश चौहान ने कहा कि वे इस फैसले को सत्र न्यायालय (सेशन कोर्ट) में चुनौती देंगे।