जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन पर पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सभी सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है।
आध्यात्मिक जगत को गहरा आघात
88 वर्ष की आयु में पोप फ्रांसिस का निधन सोमवार को हुआ। वह करीब 1,300 वर्षों में पहले गैर-यूरोपीय पोप थे और उन्हें दया, विनम्रता और सेवा भावना का प्रतीक माना जाता रहा है। उनका योगदान न केवल ईसाई समुदाय, बल्कि समूचे विश्व में आध्यात्मिक और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाला रहा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य स्तर पर कार्यक्रम स्थगित किए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा:“पोप फ्रांसिस का निधन अत्यंत दुखद है। यह आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। वे करुणा, विनम्रता और सेवा के प्रतीक थे। मेरी संवेदनाएं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के साथ हैं।”योगी सरकार ने गृह मंत्रालय के निर्णय का पालन करते हुए राज्य के सभी शासकीय समारोह रद्द कर दिए हैं, और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया है।
22 से 24 अप्रैल तक राजकीय शोक
गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार:
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22 और 23 अप्रैल को पूरे देश में राजकीय शोक मनाया जाएगा।
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पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के दिन, एक और दिन का शोक रखा जाएगा (संभावित 24 अप्रैल)।
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इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं होंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्यक्त की संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शोक संदेश जारी करते हुए कहा:“पोप फ्रांसिस के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। वे करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक थे। वैश्विक कैथोलिक समुदाय को मेरी गहरी संवेदना।”