जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित आयात शुल्क, विशेष रूप से फार्मा क्षेत्र पर लगने वाले 100% टैरिफ के आशंकित प्रभावों ने भारतीय शेयर बाजार, खासकर दवा कंपनियों के शेयरों पर दबाव बनाया हुआ है। इस वैश्विक अनिश्चितता के कारण बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में लगातार छठे कारोबारी दिन भी गिरावट देखने को मिल रही है।
बाजार के प्रमुख सूचकांकों में गिरावट
ट्रेडिंग सत्र के दौरान, बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 450 अंकों से अधिक गिरकर 80,708 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 लगभग 132 अंकों की कमी के साथ 24,759 अंकों पर कारोबार कर रहा था। विश्लेषकों का मानना है कि सत्र के दौरान यह दबाव बना रह सकता है।
फार्मा सेक्टर के शेयरों पर सबसे ज्यादा असर
इस घटनाक्रम का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव फार्मास्यूटिकल कंपनियों के शेयरों पर देखा जा रहा है। बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स में 2.37% की गिरावट दर्ज की गई। सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज और बायोकॉन जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 1% से 2.5% तक की कमी आई। कैप्लिन प्वाइंट, सोलारा और वॉकहार्ट जैसी अन्य फार्मा कंपनियों के शेयरों में 5-6% तक की गिरावट देखी गई।
निवेशकों के धन में कमी
बाजार में इस सुस्ती का सीधा असर निवेशकों के पोर्टफोलियो पर पड़ा है। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण नुकसान का संकेत देता है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक व्यापार नीतियों में आने वाले बदलावों पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी।