जुबिली स्पेशल डेस्क
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि उनका प्रशासन विदेशी कृषि उत्पादों खासतौर पर भारतीय चावल और कनाडाई उर्वरक पर नए टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है।
व्हाइट हाउस में किसानों के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि कई देश अमेरिकी बाजार में “सस्ते और सब्सिडी वाले” उत्पाद भेजकर अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सस्ते विदेशी चावल से परेशान अमेरिकी किसान
बैठक में किसानों ने शिकायत की कि भारत, थाईलैंड और चीन जैसे देश कम कीमत पर चावल भेज रहे हैं, जिससे उनकी कमाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस पर ट्रंप ने कड़ा बयान देते हुए कहा—“वे चीटिंग कर रहे हैं।”
लुइसियाना स्थित केनेडी राइस मिल की सीईओ मेरिल केनेडी ने दावा किया कि चीन तो प्यूर्टो रिको तक में बड़ा बाजार कब्जा चुका है, जहां अब अमेरिकी चावल की सप्लाई लगभग खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों के किसान गहरी मुश्किल में हैं।
टैरिफ बढ़ाने की तैयारी?
किसानों ने कहा कि मौजूदा टैरिफ असर दिखा रहे हैं, लेकिन और सख्ती की जरूरत है। इस पर ट्रंप ने आश्चर्य जताया, लेकिन यह भी साफ किया कि यदि कोई देश डंपिंग कर रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई “बहुत जल्द” की जाएगी।
ट्रंप ने बैठक में मौजूद वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से किसान समूह द्वारा बताए गए देशों-भारत, थाईलैंड और चीन—की सूची नोट करने को कहा।
कनाडाई उर्वरक भी निशाने पर
ट्रंप ने संकेत दिया कि कनाडा से आने वाले उर्वरक पर भी भारी शुल्क लगाया जा सकता है। रिपोर्टों के मुताबिक, भारत और कनाडा महीनों से व्यापार समझौते की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रगति बहुत कम है। अगस्त में अमेरिका ने भारत के कुछ उत्पादों पर पहले ही 50% तक टैरिफ लगा दिया था।
10–11 दिसंबर को अहम भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच बायलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) पर बातचीत 10 और 11 दिसंबर को फिर शुरू होगी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व USTR के डिप्टी चीफ रिक स्विट्जर करेंगे, जबकि भारत की ओर से वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल वार्ता का नेतृत्व करेंगे।
अग्रवाल ने भरोसा जताया है कि समझौते का पहला चरण इसी साल पूरा हो सकता है।
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