जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू के दौरान फिर संकेत दिया है कि भविष्य में वे यूक्रेन को मिल रही अमेरिकी सैन्य और आर्थिक सहायता रोक सकते हैं। उन्होंने यूरोप की आलोचना करते हुए कहा कि महाद्वीप “कमज़ोर हो चुका है” और “बढ़ते प्रवासन की वजह से खुद को नुकसान पहुंचा रहा है।”
यूक्रेन को समझौते की सलाह
ट्रंप ने कहा कि मौजूदा स्थिति में युद्ध का पलड़ा रूस की ओर झुका हुआ है, इसलिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को युद्ध खत्म करने के लिए समझौते पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि उनकी सुझाई योजना के तहत यूक्रेन को अपने कुछ इलाक़े रूस को देने पड़ सकते हैं-हालांकि कीव इस प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। इंटरव्यू में ट्रंप यूक्रेन के कई शहरों के नाम याद नहीं कर पाए और केवल कीव का नाम ले सके।

मादुरो पर नहीं दिया स्पष्ट जवाब
जब उनसे पूछा गया कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाने के लिए क्या वे अमेरिकी सेना का इस्तेमाल करेंगे, ट्रंप ने साफ रुख नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि वह सैन्य रणनीति को कभी खुलकर नहीं बताते—इसलिए “ना” भी नहीं कहेंगे और “हां” भी नहीं।
इमिग्रेशन पर ‘ग्रेट रिप्लेसमेंट थ्योरी’ का ज़िक्र
ट्रंप ने यूरोप के प्रवासन संकट पर बात करते हुए विवादित ‘ग्रेट रिप्लेसमेंट थ्योरी’ का हवाला दिया, जिसके अनुसार प्रवासियों के बढ़ते प्रवाह से यूरोप की मूल पहचान बदल रही है।
उन्होंने कहा कि यूरोप के कई नेता “मूर्खतापूर्ण” फैसले ले रहे हैं और उनकी प्रवासन नीतियां पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। इंटरव्यू के दौरान ट्रंप बार-बार विषय बदलते रहे और अपनी पुरानी शिकायतों व आरोपों को दोहराते रहे।
यूरोप का भविष्य खतरे में-ट्रंप का दावा
ट्रंप ने कहा कि अगर वर्तमान हालात जारी रहे, तो आने वाले वर्षों में कई यूरोपीय देश “टिक नहीं पाएंगे।” उन्होंने अमेरिका को भी कभी इसी राह पर बताया लेकिन दावा किया कि उनके शासनकाल में उन्होंने यह स्थिति बनने नहीं दी।
लंदन और पेरिस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “ये शहर पहले जैसे नहीं रहे।” उन्होंने लंदन के मेयर सादिक खान पर एक बार फिर निशाना साधते हुए उन्हें “अयोग्य” करार दिया।
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