जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के बालाघाट में पुलिस ने नक्सली होने के शक में एक आदिवासी झाम सिंह धुर्वे का इनकाउंटर कर दिया. मछली पकड़ने गए बेगुनाह आदिवासी की हत्या के मामले पर बवाल हुआ तो मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक का जवाब तलब किया. मामले की जाँच सीआईडी को सौंप दी गई है. सीआईडी ने मामले की तह में जाने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है.
पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने बताया कि बालाघाट के एसपी और आईजी ने झाम सिंह धुर्वे की मौत के मामले की सीआईडी जांच कराने की सिफारिश की थी. इस सिफारिश को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन का दिया गया है. एसआईटी बालाघाट पहुंचकर तथ्यों की जांच में जुट गई है. यह टीम सीआईडी के डीआईजी को रिपोर्ट करेगी. डीजीपी को तीन सप्ताह के भीतर मानवाधिकार आयोग को जवाब देना है.

उधर जिला मजिस्ट्रेट दीपक आर्य ने इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश भी दे दिया है. एडीएम शिव गोविन्द मरकाम के नेतृत्व में जांच शुरू भी हो गई है.
झाम सिंह धुर्वे की मौत के बारे में पुलिस ने जो कहानी बताई है उसके अनुसार जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. दोनों ओर से फायरिंग हुई. सुबह पुलिस सर्च के दौरान झाम सिंह का शव मिला.
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पुलिस का कहना है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि दो नक्सली अपना इलाज कराने आये हैं. पुलिस ने घेराबंदी की तो नक्सलियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की तो नक्सली भाग गए लेकिन सुबह पुलिस सर्च पर निकली तो झाम सिंह का शव मिला जिसके शरीर पर गोलियों के निशान थे.
उधर झाम सिंह के घर वालों का कहना है कि वह मछली पकड़ने गया था. मछली पकड़कर वह वापस लौट रहा था. रास्ते में पुलिसकर्मियों ने उसे आवाज़ लगाकर रुकने को कहा लेकिन वह डरकर भागने लगा तो पीछे से पुलिस ने गोली चला दी. इससे उसकी मौत हो गई.
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