जुबिली स्पेशल डेस्क
ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष विराम के ऐलान के बाद भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राहत की सांस ली गई हो, लेकिन अब अमेरिका के सामने एक नई चिंता खड़ी हो गई है।
ब्रिटिश अख़बार ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि ईरान अब ‘स्लीपर सेल्स’ के ज़रिए अमेरिका की सरज़मीं पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
क्या होते हैं ‘स्लीपर सेल्स’?
स्लीपर सेल्स ऐसे गुप्त एजेंट होते हैं जो सामान्य नागरिकों की तरह समाज में घुल-मिल जाते हैं, नौकरी करते हैं, पढ़ाई करते हैं, और किसी भी तरह से संदेह नहीं पैदा करते। लेकिन एक बार जब उन्हें इशारा मिलता है, तो वे हमलों, जासूसी, या अन्य विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। यह नेटवर्क सालों तक निष्क्रिय रहकर भी एकदम सक्रिय हो सकता है।
रिपोर्ट के अहम खुलासे
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान से जुड़े कई एजेंट अमेरिका के अलग-अलग शहरों में पहले से मौजूद हैं।
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ये एजेंट या तो ईरानी गुप्तचर एजेंसियों के लिए काम करते हैं या फिर अपराध सिंडिकेट्स से जुड़े हुए हैं।
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अतीत में अमेरिका में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां ईरानी मूल के लोगों ने अपहरण, हत्या या साइबर हमले की कोशिश की थी।
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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईरानी प्रवासी नागरिक, जिन्हें किसी कारण से ब्लैकमेल किया जा सकता है, उन्हें भी गुप्त रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।
ट्रंप की चिंता बढ़ी
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस खुलासे के बाद अपनी चिंता जताई है। उनका कहना है कि बाइडन प्रशासन के कमजोर बॉर्डर नियंत्रण की वजह से अमेरिका में ऐसे स्लीपर एजेंट आसानी से घुस आए हैं। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अब तक 1,500 से ज्यादा ईरानी नागरिक पकड़े गए, जिनमें से कई को बिना सख्त जांच के छोड़ भी दिया गया।
विशेषज्ञों की चेतावनी
सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह संख्या वास्तविकता से काफी कम हो सकती है। उन्हें आशंका है कि ईरान भविष्य में अमेरिका में ड्रोन हमले, साइबर हमले या रणनीतिक टारगेट्स पर हमलों की योजना बना सकता है।
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