- कांग्रेसी सांसदों ने संसद परिसर में कागज के हवाई जहाज उड़ाए
- तृणमूल सांसदों के पोस्टर में लिखा था- मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म हो चुकी है
- राफेल पर राज्यसभा में कैग की रिपोर्ट पेश
- इसमें बताया- 36 विमानों के सौदे में सरकार ने 17.08 प्रतिशत रकम बचाई
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर बुधवार को लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने चौकीदार चोर है के नारे लगाए गए। इस पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित की गयी है। इसके बाद विपक्षी सांसद बाहर आए और संसद परिसर में प्रदर्शन किया। बजट सत्र का आज आखिरी दिन है।
वहीं, संसद परिसर में तृणमूल कांग्रेस और तेदेपा के सांसदों ने भी प्रदर्शन किया। तृणमूल सांसदों के पोस्टर में लिखा था- मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म हो चुकी है। तेदेपा सांसद आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। राफेल मुद्दे पर आज राज्यसभा में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट भी पेश गई। रिपोर्ट में बताया गया कि 126 की तुलना में 36 विमानों का सौदा करने पर सरकार 17.08 प्रतिशत रकम बचाने में कामयाब रही।
जेपीसी से जांच करवाने को लेकर विपक्ष का हंगामा
राफेल डील पर कांग्रेस के आरोपों के बीच मोदी सरकार ने मंगलवार को कैग की रिपोर्ट संसद में पेश की। इस दौरान विपक्ष ने जेपीसी से जांच के लिए हंगामा किया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष डील को लेकर बार-बार झूठ न बोलें, इससे आरोप सच साबित नहीं हो जाएंगे। फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान सौदे में कांग्रेस लगातार गड़बड़ी के आरोप लगा रही है।
जानकारी के मुताबिक अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। यह 16वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। ऐसे में बजट सत्र खत्म होने से एक दिन पहले सरकार ने लोकसभा में रिपोर्ट रखी। रविवार को कांग्रेस ने रिपोर्ट आने से पहले ही सवाल उठाए थे।
जबकि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह सीधे- सीधे हितों के टकराव का मामला है क्योंकि जिस समय मोदी सरकार ने 36 राफेल की खरीद का सौदा किया और यूपीए के वक्त के 126 राफेल की खरीद के सौदे को रद्द किया, उस समय राजीव महर्षि देश के वित्त सचिव थे। अब वही कैग के पद पर हैं।