न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। आज लॉकडाउन का 12 वां दिन हैं। लॉकडाउन के चलते जरूरी सेवाओं को छोड़कर स्कूल, कॉलेज, दफ्तर फैक्ट्री सब बंद हैं। इन सबके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना जरूर करना पड़ रहा है।
हालांकि अब लॉकडाउन के कुछ सार्थक पहलू भी नजर आने लगे हैं। पहले लॉकडाउन से पूरे देश को प्रदूषण से राहत मिली और हवा की गुणवत्ता में अच्छा सुधार आया। अब गंगा और यमुना का जल भी साफ होता नजर आ रहा है।
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हवा की गुणवत्ता के बाद गंगा और यमुना का साफ जल देखकर ऐसा लगता है कि जो काम सरकारें कई सालों तक नहीं कर पाईं, जिनके लिए अरबो रूपए का बजट खर्च किया गया… वो काम लॉकडाउन ने कर दिखाया।
लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियां और उद्योग धंधे सब बंद हैं। इसलिए इससे निकलने वाला गंदा पानी भी नदी में नहीं गिर रहा है। इस वजह से गंगा और यमुना नदी के जल में काफी सुधार हुआ है।
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बताया जा रहा है कि गंगा का जल 40-50% स्वच्छ हुआ है। बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. पीके मिश्रा ने बताया कि गंगा में ज्यादातर प्रदूषण करखानों और फैक्ट्रियों की वजह से हैं। ऐसे में इनके बंद होने पर अहम बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा, हाल ही में कुछ इलाकों में हुई बारिश के चलते इसका जल स्तर भी बढ़ गया है।

गंगा को बनारस, कानपुर और इलाहाबाद जैसे शहरों में भी काफी साफ देखा जा रहा है। लोग सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी खूब शेयर कर रहे हैं। ऐसा ही हाल दिल्ली में यमुना नदी में दिख रहा है। दिल्ली- एनसीआर में सभी फैक्ट्रियां, उद्योग-धंधे और कारखाने बंद हैं। इस वजह से यमुना के जल में काफी सुधार देखा जा रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने कहा, इन दिनों कई उद्योग और दफ्तर लॉकडाउन की वजह से बंद हैं और इसलिए यमुना साफ दिख रही है। पानी की गुणवत्ता के सुधार में यह अहम है। हम पानी की जांच कराएंगे, जिससे यह पता चले कि यह कितना साफ हुआ है।
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