जुबिली न्यूज डेस्क
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ हो गया है। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की दलीलें खारिज करते हुए उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग को अस्वीकार कर दिया। राणा ने भारत भेजे जाने से बचने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने कहा था कि अगर उसे भारत भेजा गया, तो वह वहां प्रताड़ित होगा और उसकी जान को खतरा हो सकता है।

राणा के आरोप और स्वास्थ्य का मुद्दा
राणा ने अपनी याचिका में भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसने दावा किया कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव किया जाता है और वहां की सरकार तानाशाही तरीके से काम कर रही है। साथ ही, उसने यह भी तर्क दिया कि उसकी सेहत ठीक नहीं है और उसे पार्किंसंस जैसी बीमारी है, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो सकती है।
लॉस एंजिल्स की जेल में बंद राणा
राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, फिलहाल लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है। वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड हेडली से जुड़ा हुआ है, जो 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें 175 लोगों की जान गई थी।
PM मोदी के अमेरिका दौरे पर ट्रंप का ऐलान
फरवरी में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर थे, उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की थी कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। यह फैसला तब लिया गया जब सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, इसके बाद राणा ने एक और याचिका दायर की थी।
एनआईए की चार्जशीट और आगामी ट्रायल
2011 में एनआईए ने तहव्वुर राणा समेत 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उन पर 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप लगाया गया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था, “हमने अजमल कसाब को देखा। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, हम उसे महाराष्ट्र में रखेंगे।”
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भारत में राणा का ट्रायल
अब राणा को भारत भेजने के बाद उसे मुंबई हमलों से जुड़े गंभीर आरोपों का सामना करना होगा, और भारतीय न्याय व्यवस्था के तहत उसे अपना ट्रायल करना होगा।
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