जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश की अगली जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान किया है। गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि अब अगली जनगणना वर्ष 2027 में आयोजित की जाएगी। देश के अधिकांश हिस्सों में इसकी आधार तिथि 1 मार्च 2027 तय की गई है। वहीं, बर्फबारी और ठंडे इलाकों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2026 को आधार तिथि माना जाएगा।
2019 की अधिसूचना हुई रद्द
सरकार की इस नई अधिसूचना के साथ ही 2019 में जारी पुरानी अधिसूचना रद्द कर दी गई है। इस फैसले के साथ जनगणना प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है। यह भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी, जबकि आजादी के बाद यह 8वीं बार जनगणना कराई जाएगी।
दो चरणों में पूरी होगी जनगणना
सरकारी जानकारी के मुताबिक जनगणना 2027 की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी:
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पहला चरण: मकान सूचीकरण और आवासीय जानकारियों को इकट्ठा करना। इसमें मकान की स्थिति, जल-विद्युत सुविधा, शौचालय आदि की जानकारी ली जाएगी।
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दूसरा चरण: वास्तविक जनगणना, जिसमें हर व्यक्ति की आयु, लिंग, शिक्षा, भाषा, रोजगार जैसी जानकारियां दर्ज की जाएंगी।
नीति निर्माण में होगी मदद
जनगणना से जुटाए गए आंकड़ों का उपयोग नीति निर्माण, सरकारी योजनाओं और संसाधन आवंटन जैसे महत्वपूर्ण फैसलों में किया जाता है। यही वजह है कि इस प्रक्रिया को सरकार की नजर में बेहद अहम माना जाता है।
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हर 10 साल में होती है जनगणना
भारत में हर 10 साल में एक बार जनगणना कराई जाती है। इस कार्य की ज़िम्मेदारी गृह मंत्रालय के अधीन ‘पंजीयक जनरल और जनगणना आयुक्त’ के कार्यालय को दी जाती है। इस दौरान लाखों कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से जरूरी जानकारी एकत्र करते हैं।