जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन पूरी तरह से एक्टिव हो गया है और मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। अभी हाल ही में इसको लेकर महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक आयोजित हुई, जिसमें तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया।
इस बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि वे अब दोबारा नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। यह बयान उन्होंने तब दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव एक बार फिर नीतीश कुमार को गठबंधन में स्वीकार कर सकते हैं?
तेजस्वी यादव ने कहा “कभी नहीं। वो मेरे पिता हैं, मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। किसी की एक गलती माफ की जा सकती है, लेकिन जब वही गलती कोई दोहराता है, तो माफी की गुंजाइश नहीं रहती। नीतीश कुमार अब जहां भी जाएंगे, वहां केवल एक ‘अतिरिक्त बोझ’ ही बनकर रह जाएंगे।”
तेजस्वी का यह बयान उस पृष्ठभूमि में आया है जब नीतीश कुमार ने हाल ही में एक बार फिर भाजपा के साथ हाथ मिलाया और एनडीए में वापसी की। इस पर विपक्षी खेमे से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।राज्य में शिक्षा व्यवस्था और प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा: “बिहार के लोगों से पूछिए कि पेपर लीक सबसे ज़्यादा कब हुए? 2005 से पहले या उसके बाद? आज शायद ही कोई परीक्षा ऐसी हो जिसमें लीक की खबर न आती हो।”
उन्होंने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया चाहिए, न कि सिर्फ नारों और वादों का सहारा।
बता दे कि लालू यादव के नेतृत्व में और नीतीश कुमार की देखरेख में तेजस्वी यादव को राजनीति का ककहरा सीखने का मौका मिला, और अब वे पूरी तरह से एक परिपक्व राजनेता के तौर पर देखे जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले सी वोटर का सर्वे सामने आया है।
उस सर्वे में एक बात तो साफ हो गई है कि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अब नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती बन गए है। सर्वे में सीएम के लिए 41 प्रतिशत लोगों की पसंद तेजस्वी बताए गए हैं जबकि अब केवल 18 फीसदी लोग ही नीतीश को फिर से सीएम बनते देखना चाहते हैं।