जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मंगलवार को सरकारी शिक्षक डिजिटल उपस्थिति को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन काली पट्टी बांधकर किया जा रहा है. इसके जरिए सभी शिक्षक इस आदेश के खिलाफ अपना रोष शासन के सामने जता रहे हैं. इससे पहले बीते दिनों शिक्षक संघ और शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ऑनलाइन उपस्थिति को ट्रेंड करवाया था.

डीजी स्कूल शिक्षा ने यह आदेश सभी बीएसए को भेजा है और सोमवार से यह आदेश लागू किया गया था, जिसका विरोध सभी शिक्षक कर रहे हैं. लखनऊ महानगर प्राइमरी एजुकेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘शिक्षक परेशान हैं क्योंकि ऑनलाइन डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है और इस वजह से शिक्षक तय समय सीमा के भीतर उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे हैं.’
ये मुद्दा उठा रहे शिक्षक
शिक्षकों के मुताबिक बारिश का मौसम है और गांव के कई स्कूलों में जाने के लिए रास्ते तक नहीं है. इससे वहां साधन नहीं जा पता है. शिक्षकों का कहना है कि गांव के कई स्कूलों में जाने के लिए रास्ते तक नहीं हैं. इसके साथ ही कई स्कूलों तक जाने के लिए साधन तक नहीं है. शिक्षक वैसे तो टाइम पर स्कूल पहुंच जाते हैं, लेकिन कभी क्रॉसिंग बंद, जाम, रूट डायवर्सन, कावड़ियों की भीड़, बारिश, आंधी इन सब वजहों से जब हम कभी लेट होते हैं तो इसमें हमारा क्या दोष है?
परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल उपस्थिति आठ जुलाई से लगनी शुरू हो गई है. इसको लेकर शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है. बता दें पहले इसके लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी. शिक्षक संघ ने इस आदेश पर अपना विरोध दर्ज कराया है. हालांकि कहा गया था कि अन्य सभी पंजिकाएं 15 जुलाई से डिजिटल रूप में अपडेट की जाएंगी.
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