जुबिली न्यूज डेस्क
भारत को आखिरकार 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा मिल गया है। अमेरिका से प्रत्यर्पित कर उसे भारत लाया गया, जहां पालम एयरपोर्ट पर उतरते ही NIA ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। बेड़ियों में जकड़े तहव्वुर राणा की तस्वीरें अब सामने आ चुकी हैं, जब अमेरिकी मार्शल्स ने उसे NIA को सौंपा था।

राणा को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ साल 2009 में केस दर्ज किया गया था। अब तहव्वुर से NIA मुख्यालय में 18 दिन तक कड़ी पूछताछ होगी, ताकि मुंबई हमले की साजिश की परतें खोली जा सकें। याद दिला दें कि 26/11 के हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे।
तहव्वुर राणा को कोर्ट ने दी 18 दिन की हिरासत
पटियाला हाउस कोर्ट में रात करीब 2 बजे सुनवाई हुई। बंद कमरे में हुई इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने राणा को 18 दिन की हिरासत में भेज दिया, जबकि NIA ने 20 दिन की रिमांड की मांग की थी। अदालत में राणा की पैरवी वकील पीयूष सचदेवा कर रहे हैं, जिन्हें दिल्ली लीगल सेल ने नियुक्त किया है। राणा को बचाने के लिए सचदेवा कोर्ट में उसकी तरफ से दलील देंगे, जबकि देशभर में उसके लिए फांसी की मांग उठ रही है।
अमेरिका में भी भुगत चुका है सजा
तहव्वुर राणा को 2009 में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। वहां उस पर डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश और लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने के आरोप लगे थे। 2011 में उसे डेनमार्क हमले की साजिश में दोषी पाया गया और 14 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, अमेरिकी अदालत ने मुंबई हमले के मामले में उसे बरी कर दिया था। भारत ने 2019 में उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की थी, जो अब पूरी हो गई है।
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तहव्वुर राणा और डेविड हेडली का गहरा कनेक्शन
बताया जाता है कि तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली का बेहद करीबी सहयोगी था। हेडली ने ही मुंबई हमले की पूरी साजिश रची थी, जिसमें राणा ने उसकी मदद की थी। अब NIA राणा से पूछताछ कर हमले के बाकी बचे सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेगी।
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