जुबिली न्यूज डेस्क
कानपुर के वकील अखिलेश दुबे को लेकर राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा और प्रशासन पर कड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह मामला भाजपा की सरकार, भ्रष्ट अधिकारियों और भाजपा से जुड़े अधिवक्ताओं की मिलीभगत का नतीजा है।
अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा:“उप्र में भाजपाई भ्रष्टाचार का त्रिकोण – फ़र्ज़ी एनकाउंटर वाली भ्रष्ट भाजपा सरकार, काली कमाई वाले भाजपा संरक्षित भ्रष्ट अधिकारी, और दोनों की करतूतों को छिपाने वाला भ्रष्ट भाजपाई वकील। हजारों करोड़ कमाने वाले भ्रष्टाचारी को न ड्रोन देख पाया, न दूरबीन में वो नज़र आया। मामला भी तब खुला जब आपस में ही रंगदारी का गोरखधंधा सामने आया।”
उन्होंने आगे कहा कि अब देखना है कि अखिलेश दुबे के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलता है या मामला रफ़ा-दफ़ा कर दिया जाता है।“उत्तर प्रदेश माफ़िया मुक्त नहीं हुआ है, बल्कि माफिया किसी एक में समाकर ‘महामाफ़िया’ बन गया है।”
क्या है पूरा मामला?
कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे पर आरोप है कि उसने झूठे मुकदमे दर्ज करवाकर लोगों से वसूली की और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 1500 करोड़ रुपये से अधिक की ज़मीन पर कब्जा कर लिया।
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एसआईटी जांच में खुलासा हुआ है कि उसके खिलाफ अब तक 54 फर्जी मुकदमे जुड़े पाए गए हैं।
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आरोप है कि इस सिंडिकेट में कई आईपीएस और पीपीएस अफ़सर भी शामिल थे, जिनकी काली कमाई को दुबे की कंपनियों और जमीनों में निवेश किया गया।
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यह मामला तब सामने आया जब भाजपा नेता रवि सतीजा ने अखिलेश दुबे पर 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने और फर्जी केस दर्ज करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
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अखिलेश दुबे की गिरफ्तारी के बाद लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। 17 अगस्त के बाद से उसके खिलाफ 5 नई एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।