जुबिली स्पेशल डेस्क
नारी शक्ति वंदन बिल के नाम से संसद में आए महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में बहस हो रही है। इस बिल को लेकर राजनीतिक दलों में भले ही एक राय हो लेकिन इसका क्रेडिट ट लेने के लिए कोई भी दल पीछे नहीं नजर आ रहा है।
बुधवार को जब इस बिल को लेकर चर्चा शुरू हुई तो एक बार फिर कांग्रेस ने इस बिल का क्रेडिट लेने की कोशिश की तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस भी पीछे नहीं रही और उसने यहां तक कहा ममता ने पहले से ही महिलाओं को लोकसभा महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है, इस वजह से ममता ही ‘मदर ऑफ बिल’ है।

बात अगर सबसे पहले कांग्रेस क करे तो कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इस बिल पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है। पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे।
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी का वक्तव्य pic.twitter.com/eWsQfXtEQ8
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। सोनिया गांधी ने इस बिल पर पूरा क्रडिट राजीव गांधी को दिया है।
उन्होंने कहा कि उनका सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है।
हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है। मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं। उन्हें अभी कितना और इंतजार करना होगा।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘मदर ऑफ बिल’ करार दिया है। महुआ मोइत्रा के अनुसार ममता बनर्जी ने पहले से ही लोकसभा में महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है, वे असल मायने में ‘मदर ऑफ बिल’ हैं।
मोइत्रा ने जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा, महिलाओं को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए गर्व और शर्म की बात है कि आजादी के 75 साल बाद मैं संसद में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में शामिल हो रही हूं।
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