जुबिली न्यूज डेस्क
क्या यूपी में ट्रैफिक चालान से मुक्त होगा वीआईपी? अब ये सवाल आम जनता पूछने लगी है । मोटर व्हीकलअमेंडमेंट एक्ट 2019 लागू होने के बाद इस एक्ट के अंतर्गत ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के ऐसे ऐसे किस्से आए कि सड़क पर वाहन चलाने वाला सामान्य आदमी हिल गया । गुरुग्राम से खबर आई कि 15000 की स्कूटी थी और जुर्माना लगा 23000 रुपये ।

ओडिशा के भुनेश्वर में 25000 के सेकंड हैंड ऑटो पर 40000 के करीब का जुर्माना लगाया गया । यह सब देख सुनकर लगा कि सरकार की यह जुर्माना बढ़ाने वाली पॉलिसी सड़क पर ट्रैफिक रूल फॉलो करने वालों के लिए एक सबब है और विदेशों की तरह यहां भी ट्रैफिक रूल फॉलो किया जाएगा लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाली खबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आई कि वीआईपी की गाड़ी का चालान काटने वाला हेड कांस्टेबल पुलिस हरेंद्र यादव निलंबित कर दिया गया।

हरेन्द्र का कसूर सिर्फ इतना था कि मंगलवार देर रात गाड़ी में बैठे साहब का ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर मोटर व्हेकिल अमेंडमेंट एक्ट के अनुसार चालान काटने की हिमाकत कर बैठा ।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या यूपी में वीआईपी के वाहन का चालन काटना अपराध है ? जब सड़क पर चलने वाले समस्त वाहनों का रजिस्ट्रेशन संभागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय से ही किया जाता है तो इसमें भेदभाव कैसा।
प्रश्न ये भी है कि यूपी में वीआईपी कल्चर को तवज्जो देते हुए क्या वीआईपी के वाहन ट्रैफिक चालान से मुक्त किए जाएंगे। इसी संदर्भ में एक पुराना किस्सा याद करने की जरूरत है, जब एक आईएएस ऑफिसर के टीए बिल पर ट्रेजरी द्वारा आपत्ति लगाई गई और तब शासन द्वारा टीए रूल्स में संशोधन करते हुए यह लिख दिया गया कि (आईएएस के लिए नहीं) जोड़कर पढा जाए।
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