जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चल रहे हैं। तृतीया तिथि दो दिन पड़ने के कारण इस बार नवरात्रि 10 दिनों तक मनाई जा रही है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा, कलश स्थापना और व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में व्रत का पारण (Vrat Paran) करना अनिवार्य माना गया है, क्योंकि इससे ही व्रत पूर्ण होता है।
कब करें शारदीय नवरात्रि के व्रत का पारण?
निर्णय-सिन्धु ग्रंथ के अनुसार नवरात्रि व्रत का पारण नवमी की समाप्ति के बाद दशमी तिथि को करना सबसे उत्तम माना गया है।
दशमी पारण समय
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तिथि: 2 अक्टूबर 2025
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शुभ समय: सुबह 06:15 बजे के बाद किसी भी समय
अष्टमी तिथि को व्रत पारण का विकल्प
कुछ लोग अष्टमी तिथि को कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण भी करते हैं।
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अष्टमी पारण समय (Navratri Ashtami Paran Time 2025)
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तिथि: 29 सितंबर 2025
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समय: शाम 6:06 बजे के बाद
पारण का महत्व
नवरात्रि व्रत के दौरान पारण करना जरूरी है क्योंकि इसे पूर्णता देने का यही नियम है। जो साधक अष्टमी को कन्या पूजन के बाद व्रत खोलना चाहते हैं, वे उस दिन पारण कर सकते हैं, जबकि परंपरागत रूप से दशमी के दिन पारण सबसे शुभ माना गया है।
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अगर आप शास्त्रानुसार चलना चाहते हैं तो 2 अक्टूबर दशमी के दिन सुबह 06:15 के बाद व्रत पारण करें।
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अगर आप अष्टमी को कन्या पूजन के साथ पारण करना चाहते हैं तो 29 सितंबर शाम 6:06 बजे के बाद व्रत खोल सकते हैं।