जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर का आज, शुक्रवार (12 दिसंबर), लातूर में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे और सुबह लगभग 6:30 बजे अपने घर “देववर” में अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे पाटिल का इलाज घर पर ही चल रहा था।
शिवराज पाटिल चाकुरकर ने अपने राजनीतिक करियर में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया। वे लातूर के चाकुर से सात बार लोकसभा सांसद रहे और 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर भी रहे। इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण केंद्रीय विभागों की जिम्मेदारी निभाई और देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
साल 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद, कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा से केंद्रीय गृह मंत्री का पद सौंपा। हालांकि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थकों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और परिवार के प्रति संवेदनाएँ जताई हैं। इंदिरा और राजीव गांधी सरकार में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ
शिवराज पाटिल चाकुरकर भारतीय राजनीति के एक अनुभवी और सम्मानित नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन और मुंबई यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। पाटिल पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात बार जीतकर लोकसभा में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे।
उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली और 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर भी रहे। इसके अलावा, उन्होंने देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
साल 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद, शिवराज पाटिल को सोनिया गांधी की नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने भरोसे के साथ केंद्रीय गृह मंत्री का पद सौंपा। हालांकि, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया।
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