- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
- नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद ही छोड़े जाएंगे आवारा कुत्ते
- हिंसक और रेबीज संक्रमित कुत्तों को शेल्टर में रखा जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में आवारा कुत्तों को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद ही आवारा कुत्तों को छोड़ा जाएगा, जबकि हिंसक और रेबीज संक्रमित कुत्तों को स्थायी रूप से डॉग शेल्टर में रखा जाएगा।
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले में एक राष्ट्रीय पॉलिसी (National Policy) बनाई जाएगी और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा, हाईकोर्ट में लंबित सभी संबंधित मामलों को भी सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है।
खुले में खाना खिलाने पर रोक
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध रहेगा। इसके लिए विशेष स्थान तय किए जाएंगे। कोर्ट ने माना कि खुले में भोजन देने से कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें छोटे बच्चों के घायल होने और रेबीज के मामले सामने आए हैं।
रेबीज संक्रमित कुत्तों पर विशेष ध्यान
फैसले के अनुसार, रेबीज से संक्रमित कुत्तों की पहचान कर उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। उन्हें किसी भी हालत में सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
पहले के आदेश में संशोधन
गौरतलब है कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आठ हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए। इस आदेश के बाद विरोध तेज हुआ और कई याचिकाएं दायर की गईं। इन्हीं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अब संशोधित आदेश जारी किया है, जिसके तहत पकड़े गए कुत्तों को वैक्सीनेशन और नसबंदी के बाद छोड़ा जाएगा।
पशु प्रेमियों पर आर्थिक जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जो एनजीओ और पशु प्रेमी इस मामले में अदालत पहुंचे हैं, उन्हें डॉग शेल्टर के लिए 25,000 रुपये और 2 लाख रुपये जमा करने होंगे।