जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नए आरोपों और उनकी ‘जेन-जी’ टिप्पणी ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। बीजेपी हमलावर है, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेताओं ने राहुल का खुलकर समर्थन किया है।
सुप्रिया सुले बोलीं-चुनाव आयोग दे जवाब
एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा “राहुल गांधी ने डेटा के साथ प्रेजेंटेशन दिया है।
यह आरोप बीजेपी या अन्य दलों पर नहीं, बल्कि चुनाव आयोग पर लगाए गए हैं। राजनीतिक पार्टियों को इस पर आपत्ति क्यों है?
यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह जवाब दे, न कि बीजेपी या किसी और की।” सुले ने आगे कहा कि राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
“जेन-जी का माओवाद से क्या लेना-देना?”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी को ‘माओवादी सोच’ वाला बताया था। इस पर सुले ने पलटवार करते हुए कहा “जेन-जी का मतलब है नई पीढ़ी। इसमें माओवाद कहां से आ गया? मुख्यमंत्री का यह बयान हास्यास्पद है।”
संजय राउत का पलटवार- “राहुल गांधी में वह हिम्मत है, जो पीएम में नहीं”
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा “राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, यह एक संवैधानिक और बेहद अहम पद है। उनमें वह साहस है जो हमारे प्रधानमंत्री में नहीं है। सैकड़ों पत्रकारों को बार-बार संबोधित करना उनकी बहादुरी को दिखाता है।”
राउत ने कहा कि राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग की गड़बड़ियों और मतदाता सूची में हेराफेरी पर सवाल उठा रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ठोस सबूत भी पेश किए कि किस तरह एक वर्ग के वोट डिलीट किए गए।