जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत-अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद पर RSS के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने अमेरिका को कठघरे में खड़ा किया है। संपादकीय में आरोप लगाया गया कि डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
लेख में कहा गया कि व्यापार युद्ध और टैरिफ अब संप्रभु देशों की स्वतंत्रता में दखल देने और उन्हें कमजोर करने के हथियार बन गए हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) को अप्रासंगिक और अक्षम करार देते हुए कहा गया कि वैश्विक संस्थाएं अपने उद्देश्य पूरे करने में विफल रही हैं।
ऑर्गेनाइजर ने यह भी आरोप लगाया कि भारत के भीतर कुछ राजनीतिक खिलाड़ी “नव-औपनिवेशकों” के एजेंट बनकर देश के सांस्कृतिक पुनर्जागरण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितता, सैन्य तनाव, तकनीकी एकाधिकार और पर्यावरण संकट से जूझती दुनिया अब भारतीय मूल्यों पर आधारित सतत और न्यायपूर्ण मॉडल की ओर उम्मीद से देख रही है।
संपादकीय में चेतावनी दी गई कि एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था पतन की ओर है और दुनिया फिर से अस्थिरता, संघर्ष और अराजकता के दौर में प्रवेश कर रही है। ऑर्गेनाइजर ने “वसुधैव कुटुम्बकम” को वैश्विक शांति की कुंजी बताते हुए स्वधर्म, स्वदेशी और स्वराज की भावना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।
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