जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के अमरावती से 17 साल पहले अचानक गायब हो गए रानू तान्या की तलाश में परिवार ने हर जगह की ख़ाक छानी, पुलिस की मदद भी लेकिन 12 साल की तलाश के बावजूद जब कोई नतीजा नहीं निकला तो 2017 में परिवार ने भारी मन से उनकी तेरहवीं कर दी. तेरहवीं को भी पांच साल गुज़र गए, परिवार में सब कुछ सामान्य चल रहा था. इसी 14 फरवरी को अचानक से रानू के परिवार को ऐसी खबर मिली कि घर का सदस्य खुशी से नाच उठा. खबर आई कि रानू तान्या ग्वालियर के एक आश्रम में रह रहे हैं.
14 फरवरी के दिन परिवार के पास यह खबर आई कि ग्वालियर के गुढ़ागढ़ी नाका स्थित स्वर्ग सदन आश्रम में रानू तान्या रह रहे हैं. इस आश्रम ने ही परिवार को रानू की खबर दी थी. खबर मिलते ही रानू तान्या का 23 साल का बेटा ग्वालियर पहुंचा. रानू अपने बेटे को पहचान नहीं पाए क्योंकि जब वह घर छोड़कर गए थे तब उनका बेटा सिर्फ छह साल का था.

स्वर्ग सदन आश्रम के लोगों का कहना है कि रानू तान्या साल 2020 में ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पास मिले थे. उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते थे और वह कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं थे. उन्हें आश्रम लाकर उनके इलाज का इंतजाम किया गया.
इलाज के बाद जब उनकी दशा में सुधार हुआ तो उनसे आश्रम को उनके परिवार की जानकारी मिली. पांच बेटों और तीन बेटियों के पिता रानू अपने बच्चो को अपनी पत्नी के पास छोड़कर साल 2005 में अचानक से गायब हो गए थे. 2005 से 2020 तक वह कहाँ रहे इसकी जानकारी फ़िलहाल किसी के पास नहीं है. परिवार को यह बात जानने में कोई रुचि भी नहीं है क्योंकि पत्नी को उसका सुहाग और बच्चो को पिता का साया मिल गया है.
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